इंदौर। कोरोना के बढ़ते संक्रमण की जांच के लिए जिले में भले 55 फीवर क्लिनिक व प्राइवेट लैब्स हो लेकिन शहर में कोविड सेल्फ टेस्ट किट इन दिनों काफी उपयोग की जाने लगी है। कई बार लोग किट की स्टिक यूज करने के बाद फेंक देते हैं जबकि वह बायो मेडिकल वेस्ट है, जिसके निपटान के लिए अलग सिस्टम होता है। दूसरा कोविड सेल्फ टेस्ट किट का रिकॉर्ड भी नहीं रखा जा रहा है। इसके मद्देनजर जिला प्रशासन ने सभी दवा विक्रेताओं को सर्कुलर जारी कर प्रत्येक बेचे जाने वाली किट का रिकॉर्ड मय खरीदने वाले का नाम, पता, मोबाइल नंबर आदि के साथ रखने के निर्देश जारी किए हैं।
कुछ माह पहले कउटफ कोविड सेल्फ टेस्ट किट को लेकर तीन कंपनियों को अनुमति दी है। इधर, शहर में खासकर दवा बाजार में दो कंपनियों की किट्स उपलब्ध हैं जो 250 रु. से 350 रु. की रेंज में है। कई लोग इन्हें खरीदकर खुद ही टेस्ट कर रहे हैं और पता लगा रहे हैं कि वे पॉजिटिव है या नेगेटिव। इस दौरान किट खरीदने वाले की कोई जानकारी दुकानदारों के पास नहीं रहती है। सिस्टम के तहत टेस्ट के बाद संबंधित को कउटफ की एडवाइजरी के अनुसार संबंधित कंपनी के एप पर इसकी जानकारी भी फीड करना आवश्यक है लेकिन लोग व दुकानदार दोनों लापरवाही बरत रहे हैं। कुल मिलाकर कोविड सेल्फ टेस्ट किट अच्छा विकल्प है लेकिन उसका सिस्टम के तहत पालन नहीं हो रहा है।
कलेक्टर मनीष सिंह के मुताबिक ऐसे लोग जो सेंटर तक नहीं जाते वे घर में ही आसानी से रैपिड किट से टेस्ट कर सकते हैं और तत्काल रिपोर्ट भी पता चल जाती है। ऐसे में अगर वे पॉजिटिव हैं तो कोरोना से दूसरों को संक्रमित होने से बचा सकते हैं। किसी भी नई व्यवस्था में शुरूआत में कुछ परेशानियां रहती है लेकिन इसमें कोई बड़ी समस्या नहीं है। अभी जितनी संख्या में टेस्ट किए जा रहे हैं उतने ही लोग टेस्ट कराने भी नहीं जा रहे हैं। ऐसे में यह किट उनके लिए सुविधाजनक है। उधर, शनिवार को कांग्रेस ने इस किट के उपयोग के बाद फेंके जाने वाली स्टिक्स पर आपत्ति लेते हुए उटऌड डॉ. बीएस सेत्या से मुलाकात की। इस पर डॉ. सेत्या ने बताया कि मामले में सभी ड्रग विभाग को पहले पत्र लिखा गया। अब फिर से पत्र लिखकर अवगत कराया है। दवा बाजार एसोसिएशन के अध्यक्ष विनय बाकलीवाल ने बताया कि जिला प्रशासन के निर्देश के बाद हर किट का रिकॉर्ड, खरीदने वाले का नाम, पता, मोबाइल नंबर सहित रखा जा रहा है।
इंदौर
अब एक-एक कोविड सेल्फ टेस्ट किट का रिकॉर्ड, दवा दुकानदारों को खरीदने वाले का नाम, पता, मोबाइल नंबर की जानकारी रखनी होगी
- 18 Jan 2022