Highlights

इंदौर

अब खुदकुशी नहीं, लें पुलिस की मदद, सायबर अपराध के पीडि़तों के लिए पुलिस का अभियान

  • 11 Sep 2023

आत्महत्या के मामलों को देखते हुए अधिकारियों को दिए जागरुकता लाने के निर्देश
इंदौर। साइबर अपराध के पीडि़तों के आत्म ग्लानि में आकर आत्महत्या करने के मामलों के चलते अधिकारियों को जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिए गए। सभी पुलिस अधिकारियों और थानों को कहा गया है कि वह लोगों के बीच में पहुंचकर उन्हें अपराध के प्रति जागरूक करें ताकि वह यह समझ सकें कि गलती उनकी नहीं है और वह गलत कदम उठाने के बजाए मदद के लिए पुलिस के पास पहुंचे। हाल ही में साइबर अपराध के शिकार हुए लोगों के आत्महत्या के मामले बढ़ गए हैं।
विशेष कर लोन एप के मामलों में आत्महत्या के मामले सामने आ रहे हैं। आत्महत्या के बाद पुलिस को पता चलता है कि वह पीडि़त है, लेकिन तब तक देर हो चुकी होती है। इसको देखते हुए जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं। थानों को कहा गया है कि वे लोगों के बीच में जाएं और उन्हें इस खतरे के बारे में बताएं। कई मामलों में साइबर ठगी का शिकार व्यक्ति अपने आप को ही कसूरवार मानने लगता है। उसे समझ ही नहीं आता कि उसकी कोई मदद भी कर सकता है। उसे लगता है कि उससे बड़ी गलती हो गई। इसलिए लोगों को समझाना है कि वह किस तरह से अपराधियों से बच सकते हैं। इसके बाद भी अगर वह जाल में फंस जाए तो पुलिस से मदद ले सकते हैं। क्राइम ब्रांच और साइबर सेल के साथ ही थाना स्तर पर भी ट्रेनिंग प्रोग्राम चलाने के निर्देश कमिश्नर ने दिए हैं। इसके बाद स्कूल- कॉलेज के साथ ही दूसरे मंचों पर भी जागरूकता अभियान शुरू किया गया है।
कुछ मामलों पर एक नजर
अगस्त 2022 - पूरा परिवार हो गया था खत्म
अगस्त 2022 में भागीरथपुरा इलाके में रूंह कंपकंपा देने वाला सामने आया था, जिसमें पूरा परिवार ही खत्म हो गया था। अमित यादव नामक युवक ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। इसके पहले उसने अपनी पत्नी और दोनों मासूम बच्चों को जहर दे दिया था। पुलिस को निजी दूरसंचार कम्पनी में काम करने वाले अमित यादव (35) का शव उनके घर में फांसी के फंदे पर लटकता मिला, जबकि उनकी पत्नी टीना (30), तीन वर्षीय बेटी याना और एक वर्षीय बेटे दिव्यांश के शव जमीन पर पड़े मिले थे। मामले की जांच में पता चला कि मूलत: सागर के रहने वाले अमित यादव के छोड़े सुसाइड नोट में कहा गया है कि 'जीने की इच्छी मेरी भी है, लेकिन मेरे हालात अब ऐसे नहीं रहे, आदमी मैं बुरा नहीं हूं, पर हालात नहीं... इसमें किसी की कोई गलती नहीं है, मेरी ही है, मैंने कई ऑनलाइन ऐप से लोन से रखा है, पर मैं लोन भर नहीं पा रहा हूं, इज्जत के डर से यह कदम उठा रहा हूं, पुलिस मेरे परिवार को परेशान न करें, मैं ही दोषी हूं। इस घटना से सवाल खड़ा हुआ था कि आखिर इन ऑनलाइन सूदखोरों ने ऐसी क्या धमकियां दी थीं, जिससे अमित की इज्जत खतरे में थी।
फरवरी 2022 - ऑनलाइन गेम और लोन ने ली जान
ऑनलाइन गेम की लत ने छात्र जितेंद्र वास्कले की जान ले ली, घटना भंवरकुआ थाना क्षेत्र की है। जितेंद्र ने ऑनलाइन तीन पत्ती गेम के चक्कर में मौत को गले लगा लिया। जितेंद्र ने जहर खाने से पहले अपनी बहन को मैसेज करके इसकी जानकारी दी। दोस्त उसे जब तक अस्पताल ले जाते देर हो गई और अस्पताल में डॉक्टर ने छात्र को मृत घोषित कर दिया। स्टूडेंट के पास सुसाइड नोट भी मिला है। बताया जा रहा है कि जितेंद्र को तीन पत्ती खेलने की इतनी लत लग गई थी कि उसने ऑनलाइन लोन ऐप के माध्यम से कर्ज ले लिया था। वह पूरा पैसा तीन पत्ती गेम में हार गया और जब उस पर अधिक कर्जा हो गया तो जहर खा लिया। पुलिस मोबाइल के आधार पर अब अन्य जानकारी भी जुटा रही है। जितेंद्र वास्कले मूल रूप से खरगोन का रहने वाला था और यहां किराए के कमरे में रहता था। वह पढ़ाई के साथ ही सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी भी करता था। उसके पास सुसाइड नोट मिला। जिसमें लोन एप से कर्जा लेने की बात लिखी है।
इन लोन एप को बैन करने के लिए इंदौर क्राइम ब्रांच ने गूगल को लिखा पत्र
अमित यादव और परिवार की मौत के बाद कार्रवाई करते हुए क्राइम ब्रांच ने स्टार लोन, मेट्रो फाइनेंस, स्टेसफिन, कैश होस्ट, गोल्ड कैश, मोबाइल कैश, इजी क्रेडिट, मनी ट्री, लोन फॉर्चून, रूपी स्मार्ट, फ्लैस रूपी, जोजो कैश, कैश पार्क, लाइव कैश, सन कैश, इनकम एप, यूनिट कैश, ब्राइट कैश, मैजिक मनी, रॉयल कैश, शार्पकम एप, मार्बेल एप, मोबिक्विक, वाइल लोन एप, कैश फिश, लोन एप, रूपे बस, रूपीज लेड, रिच कैश, अपना पैसा, गोल्डमैन प्लस, थाई रूपी, हैडी लोन, आसन लोन, रूपी फैटा मनी पॉकेट, एप पॉकेट, फास्ट रूपी, एक्सप्रेस लोन, लोन ग्रीस, कैश कोला, फास्ट रूपी, मनी म्यूचुअल, कैश काउ, रेश कैश, वन लोन, ईजी लोन, क्वालिटी कैश, समय लोन, पब कैश, स्मॉल कैश, बास्केट लोन, मनी लैडर, ब्राइट मनी, कैश मैजिक, ईजी आरपी कैश गुरु, कैश होल, मनी बॉक्स और मैड लोन सहित अन्य लोन एप को बैन करने के लिए क्राइम ब्रांच ने गुगल को पत्र लिखा था।
भंवरकुआं थाना क्षेत्र की तीन इमली में रहने वाले जितेंद्र ने आत्महत्या कर ली। उसके पास से मिले सुसाइड नोट से पता चला कि वह ऑनलाइन गेम खेलने के चक्कर में कर्जा हो गया। लोन लिया और फिर एप के जाल में फंस गया। इसके बाद वह ऐसा उलझा की उसे मौत को गले लगाना पड़ा।
हीरानगर थाना क्षेत्र के सुंदर नगर में रहने वाले अमय ने आत्महत्या कर ली। इस मामले में परिजनों को लगा कि उसने बीमारी से परेशान होकर यह कदम उठाया है। बाद में जांच की गई तो पता चला कि वह लोन एप के जाल में फंस गया था। वसूली के लगातार दबाव बनाए जाने से परेशान होकर उसने यह कदम उठाया।