आईपीएल 2022 के अधिकतर मैच हो चुके हैं और यह लीग अपने अंतिम पड़ाव पर पहुंचने वाली है। इसके बावजूद टीम इंडिया के ऑलराउंडर की खोज पूरी नहीं हो पाई है। इस टूर्नामेंट के शुरु होने से पहले वेंकटेश अय्यर बतौर फिनिशर भारतीय टीम में खेल रहे थे। उन्होंने वेस्टइंडीज और श्रीलंका के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन भी किया था। इसके बाद उम्मीद की जा रही थी कि वेंकटेश आईपीएल 2022 में और बेहतर प्रदर्शन करेंगे। इसके बाद टी20 विश्व कप के लिए भारतीय टीम में उनकी जगह पक्की हो जाएगी। हालांकि, ऐसा हुआ नहीं वेंकटेश इस सीजन सिर्फ एक मैच में बड़ी पारी खेल पाए हैं। इसके बाद टीम इंडिया के ऑलराउंडर की खोज अधूरी रह गई है।
मौजूदा समय में भारत के पास तेज गेंदबाजी ऑलराउंडर के तीन विकल्प हैं। हार्दिक पांड्या, वेंकटेश अय्यर और शिवम दुबे। ये तीनों खिलाड़ी भारत के लिए खेल चुके हैं और ऑस्ट्रेलिया में होने वाले टी20 विश्व कप के लिए भारतीय टीम में जगह बना सकते हैं। भारत के लिए सबसे बड़ी समस्या ये है कि तीन में से कोई भी खिलाड़ी ऑलराउंडर के रूप में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पा रहा है।
वेंकटेश पूरी तरह फेल
आईपीएल 2022 में वेंकटेश का प्रदर्शन बेहद खराब रहा है। नौ पारियों में उन्होंने 16.50 के खराब औसत से 132 रन बनाए हैं। उनका स्ट्राइक रेट भी 97.78 का रहा है। इस दौरान उनके बल्ले से सिर्फ 13 चौके और तीन छक्के निकले हैं। पूरे टूर्नामेंट में उन्होंने सिर्फ एक मैच में अच्छा प्रदर्शन किया है, जब उनके बल्ले से 50 रन की पारी निकली थी। वेंकटेश के साथ समस्या यह है कि वो कोलकाता के लिए पारी की शुरुआत कर रहे हैं, जबकि भारत के लिए उन्हें मैच खत्म करना होगा।
कोलकाता की टीम ने वेंकटेश को गेंदबाज के रूप में भी ज्यादा इस्तेमाल नहीं किया है। उन्होंने सिर्फ तीन मैचों में एक-एक ओवर फेंका है और 12.67 की इकोनॉमी से रन दिए हैं। वो इस सीजन कोई विकेट नहीं ले पाए हैं। ऐसे में उनको ऑलराउंडर के रूप में विश्व कप खिलाना खतरे से खाली नहीं होगा।
हार्दिक की गेंदबाजी पर सवाल
गुजरात के कप्तान हार्दिक पांड्या ने इस साल आईपीएल के शुरुआती मैचों में शानदार प्रदर्शन किया था। उन्होंने लगातार चौथे नंबर पर रन बनाए थे और गेंदबाजी में भी कमाल किया था। पांड्या ने 140 किमी. प्रति घंटे की रफ्तार से गेंदबाजी कर टीम इंडिया में वापसी का दावा ठोंक दिया था। इसके साथ ही भारतीय क्रिकेट फैंस को लगा कि पुराने हार्दिक पांड्या फिर लौट आए हैं, लेकिन ऐसा हुआ नहीं।
हार्दिक चोटिल हुए और एक मैच के लिए बाहर बैठे। वापसी के बाद उन्होंने फिर अर्धशतकीय पारी खेली, लेकिन गेंदबाजी नहीं की। 10 पारियों में 41.63 के औसत से 333 रन बनाने वाले हार्दिक का स्ट्राइक रेट सिर्फ 134.27 का है, जो कि एक फिनिशर के लिए सही नहीं है। वहीं, गेंद के साथ पांच पारियों में चार विकेट लेने वाले पांड्या ने सिर्फ 7.57 की इकोनॉमी से रन खर्चे हैं। वो अब गेंदबाजी नहीं कर रहे हैं।
अब भारत के सामने वही पुरानी समस्या है। हार्दिक गेंदबाजी नहीं कर रहे हैं तो उन्हें ऑलराउंडर के रूप में कैसे जगह दी जा सकती है। वहीं, बल्लेबाजी में भी वो चौथे या तीसरे नंबर पर खेल रहे हैं, जहां उनका स्ट्राइक रेट भी काफी कम है। ऐसे में भारतीय चयनकर्ता उन्हें ऑलराउंडर के रूप में मौका देने से बचना चाहेंगे।
शिवम दुबे भी नहीं कर रहे गेंदबाजी
शिवम दुबे ने भी इस सीजन बल्ले के साथ कमाल किया है। चेन्नई के लिए उनका स्ट्राइक रेट भी शानदार रहा है, लेकिन वो भी गेंदबाजी नहीं कर रहे हैं। नौ मैचों में उन्होंने सिर्फ दो ओवर किए हैं और 18 के इकोनॉमी रेट से 36 रन खर्चे हैं। वहीं, बल्ले के साथ उन्होंने नौ पारियों में 34.88 के औसत से 279 रन बनाए हैं। उनका स्ट्राइक रेट भी 160 से ज्यादा का रहा है। उनकी सबसे बड़ी पारी नाबाद 95 रन रही है।