गेहूं की कमी के चलते केंद्र सरकार ने प्रदेश में गेहूं का आवंटन कम कर चावल का बढ़ाया
नीमच। गरीबों को अब दाल रोटी की जगह दाल चावल खाना होंगे, क्योंकि गेहूं की कमी देख केंद्र सरकार ने प्रदेश में गेहूं का आवंटन कम कर चावल का आवंटन बढ़ा दिया है। प्रदेश को नवंबर में दिए 2.90 लाख टन आवंटन के वितरण में केंद्र का फीफो नियम व ट्रांसपोर्टेशन समस्या बना हुआ है। इसके चलते नीमच सहित प्रदेश के कई जिलों में नवंबर का अवंटित गेहूं नहीं मिल पाया। नीमच के गोदामों व राशन दुकानों पर गेहूं खत्म हो गया। सीहोर से गेहूं भेजा जा रहा जो एक दो दिन में राशन दुकानों पर पहुंचेगा। उसके बाद हितग्राहियों को बांटा जाएगा।
प्रदेश में 92.50 लाख टन गेहूं का स्टॉक है, इस पर भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) का नियंत्रण है। केंद्र द्वारा उपलब्धता व मांग के आधार पर देशभर में सभी राज्यों को गेहूं का आवंटन किया जाता है। प्रदेश में पर्याप्त गेहूं हैं, लेकिन केंद्र को महाराष्ट्र, राजस्थान, गुजरात सहित कई राज्यों को भी गेहूं उपलब्ध कराना है। आगे भी व्यवस्था बनी रहे इसलिए केंद्र ने प्रदेश में गेहूं का आवंटन कम कर चावल का बढ़ा दिया।
मंदसौर, रतलाम, नीमच जिले में अभी यह है गेहूं की स्थिति
मंदसौर आपूर्ति निगम के प्रबंधक केसी उपाध्याय ने बताया मंदसौर में अभी 20-21 कि खरीदी का 1905 टन, 2021-22 का 11543 टन एवं 22-23 का खरीदी का 8363 मीट्रिक टन गेहूं रखा है, जो एफसीआई के अधीन है। जिले में हर माह करीब 6208 टन गेहूं वितरण होता है। मंदसौर के लिए भी सीहोर से 5200 टन गेहूं आना है।
रतलाम में अभी 20 हजार 373 मीट्रिक टन गेहूं रखा है, लेकिन वह एफसीआई का है। सीहोर से गेहूं की 6 रैक आना हैं। रतलाम में हर माह 5100 टन गेहूं का वितरण किया जाता हैं।
नीमच में गेहूं खत्म हो गया है, गोदामों पर गेहूं नहीं है। सीहोर से गेहूं आना है लेकिन रैक व ट्रांसपोर्टेशन की समस्या के चलते देरी हो रही। आज कल में बाय रोड कुछ गेहूं आ जाएगा। नीमच में हर माह औसत 3407 टन गेहूं लगता है।
नीमच
अब दाल-रोटी नहीं, दाल-चावल खाएं
- 26 Nov 2022