इंदौर । अब बगीचों के लिए नियुक्त गार्डों को खाकी वर्दी पहना दी गई है। वे अब बगीचों में अलग ही घूमते-फिरते नजर आएंगे। बगीचों में होने वाली हरकतें रोकेंगे। नुकसान नहीं होने देंगे। लोग सुबह-सुबह लोग मेघदूत उपवन घूमने पहुंचे तो वहां खाकी वर्दी वालों को पुलिस के सिपाही समझकर चौंक गए। बाद में पता चला कि ये पुलिस वाले नहीं हैं ये तो बगीचों के सुरक्षा गार्ड है जिन्हें नगर निगम प्रशासन ने वर्दी पहना दी है। अब तक ये सादे कपड़ों में रहते थे और पहचान में नहीं आने से इनके साथ मारपीट की घटनाएं भी हो जातीथी।
हकीकत तो यह है कि नगर निगम में दरोगा, निरीक्षक, उप निरीक्षक व दूसरे अफसरों को वर्दी पहनना चाहिए जबकि नगर निगम ने दरोगा से इंस्पेक्टर तक वर्दी पहनाना बंदकर दिया है। वार्डों में नागरिकों को पता ही नहीं चलता है कि कौन दरोगा इंस्पेक्टर या सब इंस्पेक्टर नगर निगम का है भी या नहीं। ड्यूटी दे भी रहा है कि नहीं। नागरिक शिकायत को भी तो किससे करें। होना तो यही चाहिए कि नगर निगम वर्दी की व्यवस्था को पुख्ता करे।
आटो रिक्शा, नगर सेवा मे ंभी वर्दी का पालन नहीं
ऑटो रिक्शा से लेकर नगर सेवा की मारूति वैन व टाटा मैजिक गाडियों में भी ड्रायवर कंडक्टर बिना वदी के रहते है।। कंडक्टर तो गुण्डे बदमाश हैं जो फाटक पर लटककर सवारियों को बुलाते हैं। कई बार तो सवारियां पकडऩे के चक्कर में चाकू छुरे निकाल लेते हैं। कंडक्टर के लिए तो मानो वर्दी का नियम ही नहीं है।
इंदौर
अब बगीचों की देखरेख खाकी वर्दी के हवाले, नगर निगम ने गार्डों को तैनात किया
- 23 Oct 2021