मंदसौर। मंदसौर में शुक्रवार से फ्लाइंग क्लब की शुरुआत हो गई। शहर के नौलखा बीड़ क्षेत्र में स्थित हवाई पट्टी पर ग्लोबल कनेक्ट एविएशन सर्विस प्राइवेट लिमिटेड ने ट्रेनिंग देना शुरू किया। शुरुआत में यहां देशभर के 16 छात्र छात्राएं पायलट बनने की ट्रेनिंग ले रहे हैं। शुक्रवार को मंदसौर विधायक यशपाल सिंह सिसौदिया एयर स्ट्रिप पर पहुंचे और पायलट बनने के सपने को लेकर आए छात्र-छात्राओं से बात की। उन्होंने बताया कि मंदसौर में मध्य प्रदेश की सबसे बड़ी रनवे एयर स्ट्रिप है, जो ढाई किलोमीटर की है। उन्होंने बताया की करीब 11 करोड़ की लागत से हवाई पट्टी का निर्माण और बाउंड्रीवॉल के लिए साढ़े चार करोड़ का खर्च हुआ है।
पायलट बनने के लिए मंदसौर का मौसम अनुकूल
फ्लाइंग क्लब में छात्रों को ट्रेनिंग दे रहे कैप्टन सुमित सिंह ने बताया कि हम यहां कमर्शियल पायलेट लाइसेंस की ट्रेनिंग दे रहे हैं। यह छह से नौ महीने की ट्रेनिंग है, इसमें 200 घंटे की उड़ान भरना होती है। उन्होंने बताया कि मंदसौर आने की खास वजह यह भी है कि यहां का मौसम फ्लाइंग ट्रेनिंग के लिए काफी अनुकूल है। यहां हवाओं की दिशा रनवे से अनुसार होती है। इससे नए छात्रों को फ्लाइंग सीखने में काफी आसानी होती है। साथ ही यहां देश के अन्य क्षेत्रों से अलग विजिबिलिटी बेहद अच्छी है। यहां करीब 8 से 10 किमी की विजिबलिटी है, जो फ्लाइंग को आसान बनाती है।
फ्लाइंग के वक्त रात में टॉर्च मारते हैं ग्रामीण, यह पायलेट के लिए खतरनाक
कैप्टन सुमित सिंह ने बताया कि मंदसौर शहर फ्लाइंग के लिए हर तरह से बेहतर और अनुकूल है, लेकिन यहां रात के वक्त फ्लाइंग करते समय ग्रामीण प्लेन पर टॉर्च की रोशनी डालते हैं। इससे दुर्घटना का खतरा होता है। उन्होंने ग्रामीणों से अपील भी की है कि रात के समय जब बच्चे फ्लाइंग सिख रहे हो तो ग्रामीण टॉर्च की रोशनी प्लेन पर नहीं डालें।
मंदसौर
अब मंदसौर में बनेंगे पायलट, देशभर से 16 बच्चे आए पायलट की ट्रेनिंग लेने, भरना होगी 200 घंटे की उड़ान
- 01 Jan 2022