(जन्म: 22 जून, 1932 जालंधर - मृत्यु: 12 जनवरी, 2005 मुम्बई)
रंगमंच तथा हिन्दी सिनेमा के सबसे मशहूर खलनायक के रूप में प्रसिद्धि बटोरने वाले अभिनेता थे। अमरीश पुरी का जन्म 22 जून 1932 को पंजाब में हुआ। अपने बड़े भाई मदन पुरी का अनुसरण करते हुए फ़िल्मों में काम करने मुंबई पहुंचे लेकिन पहले ही स्क्रीन टेस्ट में विफल रहे और उन्होंने 'भारतीय जीवन बीमा निगम' में नौकरी कर ली। बीमा कंपनी की नौकरी के साथ ही वह नाटककार सत्यदेव दुबे के लिखे नाटकों पर 'पृथ्वी थियेटर' में काम करने लगे। रंगमंचीय प्रस्तुतियों ने उन्हें टी.वी. विज्ञापनों तक पहुँचाया, जहाँ से वह फ़िल्मों में खलनायक के किरदार तक पहुँचे।
अमरीश पुरी का आरम्भिक जीवन बहुत ही संघर्षमय रहा। अमरीश पुरी ने 1960 के दशक में रंगमंच को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने दुबे और गिरीश कर्नाड के लिखे नाटकों में प्रस्तुतियाँ दीं। रंगमंच पर बेहतर प्रस्तुति के लिए उन्हें 1979 में संगीत नाटक अकादमी की तरफ से पुरस्कार दिया गया, जो उनके अभिनय कैरियर का पहला बड़ा पुरस्कार था। लंबा कद, मज़बूत क़द काठी, बेहद दमदार आवाज़ और ज़बर्दस्त संवाद अदायगी जैसी खूबियों के मालिक अमरीश पुरी को हिन्दी सिनेमा जगत के कुछ सबसे सफल खलनायकों में गिना जाता है, लेकिन बहुत कम लोगों को मालूम है कि अमरीश पुरी को मुंबई आने के बाद संघर्ष के दिनों में एक बीमा कंपनी में नौकरी करनी पड़ी थी।
व्यक्तित्व विशेष
अमरीश पुरी
- 22 Jun 2022