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दमोह

आंखों के सामने पति को तड़पते हुए मरते देखा

  • 06 Aug 2022

अधमरा होने तक लट्ठ से पीटा, फिर कुल्हाड़ी से हाथ काटा; कोई बचाने नहीं आया
दमोह। उन्होंने मेरे पति को मार डाला। अब मैं क्या करूं...। मैं उन्हें बचा भी नहीं पाई। मेरी आंखों के सामने ही ससुर ने उनका हाथ कुल्हाड़ी से शरीर से अलग कर दिया। वो तड़प रहे थे... पानी मांग रहे थे, पर कोई पानी तक देने वाला नहीं था। मैं उन्हें पानी भी नहीं पिला पाई।'
ये शब्द रोती हुए उस महिला ने कहे, जिसके सुहाग को उसी के ससुर ने उजाड़ दिया। गुरुवार रात जबलपुर ले जाते हुए रास्ते में युवक की मौत हो गई। पति की मौत के बाद दमोह अस्पताल की सीढिय़ों पर बैठकर फूट-फूट कर रोते हुए पत्नी ने अपना दर्द बताया। उसके पास ही 2 साल का बेटा भी लगातार रोए जा रहा था। महिला की आंखों में आंसू भरे थे, पर दिल पर पत्थर रखकर बेटे को चुप कराते हुए खाना भी खिला रही थी।
मामला दमोह का है, जहां गुरुवार को बाइक की चाबी नहीं देने पर पिता मोती पटेल ने 30 साल के बेटे संतोष का हाथ कुल्हाड़ी मारकर शरीर से अलग कर दिया था। गुस्साए पिता ने पहले छोटे बेटे के साथ मिलकर उसे अधमरा होने तक लाठी-डंडों से पीटा, फिर लकड़ी के पटे पर हाथ रखकर कुल्हाड़ी से ऐसा वार किया कि हाथ कट कर दूर जा गिरा। पिता का गुस्सा यहीं शांत नहीं हुआ, उसने तड़प रहे बेटे को वहीं छोड़ा और कटा हाथ उठाकर, कंधे पर कुल्हाड़ी रखकर 5 किमी दूर चौकी पहुंच गया। यहां पहुंचकर उसने सरेंडर कर दिया।
बेटे की हत्या कर उसने बहू को विधवा और पांच साल के रुद्राक्ष और दो साल के बेटे सोहराज के सिर से पिता का साया छीन लिया। इस मामले में पुलिस की तरफ से भी एक बड़ी लापरवाही हुई। पुलिस जब घायल को लेकर अस्पताल पहुंची, तो उसका कटा हाथ थाने में ही भूल आई। डॉक्टर का कहना था कि यदि हाथ जल्दी अस्पताल लाया जाता तो उसे जोड़ा जा सकता था। जब चौकी प्रभारी से इस बारे में बात की गई तो उन्होंने कहा- इस संबंध में हम कुछ नहीं कह सकते। घटना दमोह जिले के जेरठ चौकी के बोबई गांव की है। मामले में पुलिस ने आरोपी पिता को गिरफ्तार कर लिया है।