ग्वालियर। डोडा चूरा की तस्करी के आरोप में 16 अक्टूबर 2022 से जेल में बंद कुरुक्षेत्र निवासी जतिन दीमन (23) की तीसरी जमानत याचिका को स्वीकार कर जस्टिस दीपक अग्रवाल ने कहा- पूर्व में दिए गए निर्देश के बाद भी पुलिस सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई गई गाइडलाइन का पालन नहीं कर रही। ग्वालियर में थाना प्रभारी के अलावा, एएसपी, एसपी, डीआईजी, आईजी और एडिशनल डीजीपी भी हैं।
जिस तरह से इस केस में जांच की गई, उससे ये स्पष्ट है कि ये अधिकारी अपराधों की निगरानी का काम सही ढंग से नहीं कर रहे, जो कि इनका मूल काम है। ये चिंता की बात है कि जांच में लापरवाही के चलते कॉमर्शियल मात्रा के साथ पकड़े आरोपियों को जमानत मिल रही है। कोर्ट ने आदेश की कॉपी डीजीपी को भेजने को कहा है। शिवपुरी की कोलारस पुलिस ने हरियाणा से आ रहे एक ट्रक में 22 बोरे और चार पहिया वाहन में 1 बोरा जब्त किया था। ऊपरी तौर पर देखने से पुलिस इस निष्कर्ष पर पहुंची कि बोरों में डोडा चूरा है।
तस्करी के आरोपी को जमानत दी-
पुलिस ने सभी 23 बोरों में रखा माल एक तिरपाल पर डाल लिया और मिला दिया। इसमें से दो सैंपल जांच के लिए भेज दिया। 14 नवंबर 2022 को आई रिपोर्ट में डोडा चूरा की पुष्टि हुई। बाद में गलती को सुधारने सभी 23 बोरों में से 24 दिसंबर को सैंपल लिया। 31 मार्च 2023 को आई रिपोर्ट में भी डोडा चूरा की पुष्टि हुई, तब पुलिस ने आरोप पत्र प्रस्तुत किया।
ये करना था- हर बोरे से अलग सैंपलिंग-
पुलिस को सभी बोरों में से अलग-अलग सैंपल लेने होते हैं और यूएन किट से उनकी जांच करनी होती है। 22 दिसंबर 2022 से मौके पर सैंपलिंग करने का प्रावधान समाप्त कर दिया है। अब माल को मौके पर सील कर न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष प्रस्तुत किया जाता है और उनके समक्ष ही सैंपलिंग की कार्रवाई की जाती है।
ग्वालियर
आईजी, एडीजी अपराधों की निगरानी का काम सही ढंग से नहीं कर रहे- हाई कोर्ट
- 08 Jul 2023