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इंदौर

आचार्य विजयराज जी के संघ में बनेंगे संत ... चार युवा लेंगे जैन दीक्षा, पंच दिवसीय दीक्षा महोत्सव

  • 13 Feb 2024

इंदौर।  भोग - विलासिता, फैशन के भौतिक युग मे एक युवा सुख-सुविधा छोड़ कर सन्यासी बने,  ऐसा कहानियों में सुनने को मिलता हैं । किंतु गुरु से धर्म के मर्म जानकर , 18 से 20 वर्ष की युवा उम्र में साधु बनकर दुष्कर जीवन जीने का संकल्प लेने वाले मैसूर के अक्षय सहलोत (22 वर्ष) , उड़ीसा के मोहित सखलेचा (18 वर्ष) , कर्नाटक के सूरज कांकरिया (36 वर्ष) और छत्तीसगढ़ की सुश्री दीपासना चौपड़ा (28 वर्ष) आगामी 18 फरवरी को इसी मार्ग पर चलते हुए जैनाचार्य श्री विजय राज जी म सा के सानिध्य में जैन भगवती दीक्षा स्वीकार करके जैन संत बनाने जा रहे हैं। सांसारिक शिक्षा दीक्षा में सीए, बी कॉम जितना उच्च अध्ययन करने वाले ये युवा अपने आचार्य जी से प्रेरणा लेकर धर्म के मार्ग पर आगे बढ़ने जा रहे हैं। आज ये चारों युवा मुमुक्षु अपने आचार्य जी के सानिध्य में इंदौर के बास्केटबॉल काम्प्लेक्स में उपस्थित हुए। आचार्य श्री ने धर्मसभा को संबोधित करते हुए बताया कि मनुष्य जीवन में सभी काम आउटसोर्स कर सकता है, किन्तु आत्म कल्याण उसे स्वयं ही करना होगा।
शांतक्रान्ति संघ के मंत्री सुशील भंडारी ने बताया कि संसार के मार्ग से वैराग्य मार्ग की और चलते हुए सारे सांसारिक सुखों को त्यागते हुए ये चारों युवा बिजली के उपकरण, मोबाइल लैपटॉप आदी का आजीवन त्याग, जीवन भर पैदल विहार, परिवार का त्याग करते हुए भगवान महावीर के बताए हुए सिद्धांतो पर चलते हुए स्वयं का और समाज के कल्याण पथ पर अग्रसर होंगे।
शांतक्रान्ति जैन संघ के मीडिया प्रभारी प्रकल्प जैन ने बताया कि आचार्य श्री के सानिध्य में इन युवाओं की जैन दीक्षा को सादगीपूर्ण तरीके से मनाने हेतु विरक्ति दीक्षा समिति द्वारा संघ के बैनर तले पांच दिवसीय कार्यक्रम किये जा रहे है। इस दौरान प्रतिदिन आचार्य श्री के प्रवचन प्रात: 9.15 बजे बास्केटबॉल काम्प्लेक्स में आयोजित होंगे।
14 फरवरी - पाट बिठाई की रस्म आयोजित होगी।
15 फरवरी - दीक्षा लेने वाले चारों युवाओं की मेहंदी रस्म आयोजित होगी।
16 फरवरी - चारों युवाओं का धार्मिक चौबीसी गीत के माध्यम से श्रद्धालुओं द्वारा गुणगान किया जाएगा।
17 फरवरी - युवाओं का वरघोड़ा एवं शोभायात्रा के माध्यम से नगर के मुख्यमार्गों पर विभिन सामाज और संस्थाओं द्वारा अभिनंदन किया जाएगा।
18 फरवरी - प्रात: 8 बजे चारों युवा साथी अपना घर बार, परिवार और सुविधाओं को त्याग करके पैदल साधुवेश में दीक्षा स्थल बास्केटबॉल काम्प्लेक्स में पहुचेंगे और आचार्य श्री के माध्यम से जैन भागवती दीक्षा स्वीकार करके अपने गुरु के सानिध्य में जैन मुनि के रूप में नए जीवन की शुरूआत करेंगे।
विरक्ति महोत्सव दीक्षा समिति के संयोजक श्री संजीव लोढ़ा ने बताया कि इंदौर में आचार्य श्री विजयराज जी एवं उपाध्याय श्री जितेशमुनि जी महाराज के सानिध्य में दीक्षा आयोजित होने का यह प्रथम अवसर है। दीक्षा उपलक्ष्य में इस पंच दिवसीय समारोह में भारत के विभिन्न क्षेत्रों से श्रद्धालु इंदौर में पधारने की संभावना हैं।