शहर में आज से शुरू होगा सिरों सर्वे अभियान, 1 दिन पहले दिया जा चुका है प्रशिक्षण
इंदौर। कोरोना की तीसरी संभावित लहर में बच्चों के संक्रमित होने के खतरे की आशंका को देखते हुए जिला प्रशासन बच्चों में एंटीबॉडी का पता लगाने के लिए सीरो सर्वे मंगलवार से शुरू करने जा रही है जिसके लिए प्रशासन ने नगर निगम स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर व्यवस्थाएं पूरी कर ली है।
सीरो सर्वे के लिए 50 टीम बनाई गई है। जो इंदौर के 85 वार्ड में से 25 वार्ड से सैंपल लेंगे। 1800 सैंपल टीम को इकट्ठा करना है जिसके लिए 1 सप्ताह का समय आवंटित किया गया है लेकिन कलेक्टर के द्वारा इन टीमों से कहा गया है यह काम बहुत छोटा है इसे मात्र एक से दो दिन में ही पूरा करें जिससे जल्द से जल्द सैंपल का टेस्ट करके एंटीबॉडी का पता लगाया जा सके। सीरो सर्वे टीम में आशा कार्यकर्ता, महिला आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, एएनएम, नर्स, जोनल मेडिकल ऑफिसर,तहसीलदार नायब तहसीलदार,एसडीएम, एनजीओ को शामिल किया गया है। सीरो सर्वे को लेकर रविंद्र नाट्य ग्रह मैं सोमवार को एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई थी।
,जिसमें कलेक्टर और संभाग कमिश्नर ने टीम को प्रशिक्षण दिया कलेक्टर ने सर्वे टीम के और अधिकारियों से सीधे चर्चा कर सर इस दौरान होने वाली समस्याओं को समझा और दिशा निर्देश दिए कि सैंपल कैसे लेना है और उसे किस तरह एकत्रित करना है और बच्चों को ट्रेनिंग देने के लिए परिवार के लोगों को कैसे कन्वेंस करना है इन तमाम बिंदुओं पर कलेक्टर मनीष सिंह के द्वारा टीम को प्रशिक्षण दिया गया कलेक्टर ने करीब 2 घंटे टीम के साथ वन टू वन चर्चा की। बैठक में मेडिकल कॉलेज डीन,अपर कलेक्टर, मुख्य चिकित्सा अधिकारी भी शामिल हुए थे। कलेक्टर ने इस दौरान एसडीएम और सर्वे टीम से पूछा सेंपलिंग कैसे करेंगे और अभी तक कोविड-19 के सैंपल कैसे ले रहे हैं इस दौरान कुछ अधिकारियों द्वारा संतोष पूर्ण जवाब नहीं मिलने पर उन्हें फटकार भी लगाई और समझाइश दी गई। टीम को हर परिस्थितियों और चुनौतियों का सामना करते हुए जल्द से जल्द सैंपल को इकट्ठा करना है इसमें किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी चुनौती बड़ी है लेकिन कम समय में इसे पूरा भी करना है क्योंकि देश में केरल और आसपास के कई राज्यों में जिस तरीके से कोरोना के केस लगातार बढ़ते जा रहे हैं उससे पहले के टेस्टिंग करना बहुत जरूरी है क्योंकि तीसरी लहर में सबसे ज्यादा खतरा बच्चों के लिए है, ऐसी संभावित आशंका हैं।
दिल्ली से 60 लाख की किट और 50 लाख रुपय के कीमत की टेस्टिंग मशीन भी इंदौर को मिली है। एमजीएम मेडिकल कॉलेज में इन सैंपल के टेस्ट किए जाएंगे। इसके बाद आगामी आने वाले 2 महीनों में दो राउंड सीरो सर्वे कुल 3 राउंड सर्वे करके बच्चों में एंटीबॉडी के स्तर का पता लगाया जाएगा इन तीन बार के सर्वे में क्लियर हो पाएगा कि बच्चों में एंटीबॉडी कितने दिन में विकसित हो रही है।
इंदौर
आज से शहर भर में पता लगाया जाएगा कि हमारे बच्चे कितने सशक्त
- 10 Aug 2021