इंदौर।। मध्य प्रदेश प्राइम रूट बस ऑनर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों की बुधवार शाम प्रदेश सरकार से चर्चा होने जा रही है। इस दौरान बस संचालक अपनी मांग सरकार के समक्ष रखेंगे। यदि उनकी मांगे नहीं मानी गई तो अगला कदम हड़ताल का भी उठाया जा सकता है।
कोरोना से बस व्यवसाय भी पूरी तरह से प्रभावित हो रहा है नतीजा यह हो रहा है कि बस संचालक लगातार घाटे में जा रहे हैं। 600 बसें रोड पर अब तक नहीं आ पाई है। इसी के चलते 444 बसो के परमिट बस संचालकों ने सरकार के समक्ष सरेंडर कर रखे हैं। बस संचालकों का कहना है कि कोरोना संक्रमण के दौरान वैसे ही बसों के चक्के थम गए थे पिछले साल भी उन्हें काफी घाटा हुआ था और इन दिनों शादी ब्याह का सीजन भी नहीं है वही बड़े आयोजन नहीं होने के कारण बसों का आवागमन नहीं के बराबर हो रहा है। इसी के चलते बस संचालक लगातार घाटे में जा रहे हैं बस संचालक स्टाफ का खर्च भी वहन नहीं कर पा रहे हैं और ऐसे में उन पर लगातार टैक्स की मार बढ़ रही है लगातार डीजल के भाव भी बढ़ रहे हैं। यही कारण है कि कोरोनावायरस पूर्व लगभग 12 सौ बसें इंदौर से विभिन्न मार्गो पर संचालित की जाती थी जिसमें से छह सौ बसे अब तक रोड पर ही नहीं आ पाई है। लगातार घाटे के चलते 289 बस ऑपरेटरों ने अपनी 444 बसों के परमिट सरकार के समक्ष सरेंडर कर दिए हैं। लगातार डीजल वृद्धि से भी बहुत घाटा बढ़ रहा है। इंदौर प्राइम रूट बस ऑनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष गोविंद शर्मा ने डिटेक्टिव ग्रुप रिपोर्ट से हुई खास चर्चा में बताया कि 4 अगस्त बुधवार शाम भोपाल में सरकार के साथ बस ओनर्स एसोसिएशन के प्रतिनिधियों की चर्चा होने जा रही है। इस दौरान बस ऑपरेटर का प्रतिनिधिमंडल अपनी विभिन्न मांग सरकार के समक्ष रखेगा। यदि हमारी मांगों पर विचार नहीं हुआ तो अगला कदम हड़ताल का उठाया जा सकता है।