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भोपाल

आत्महत्या के मामले में 5वें स्थान पर आया भोपाल

  • 15 Jul 2022

भोपाल। आत्महत्या को रोकने के लिए शहर में लगातार लव यू जिंदगी अभियान चलाया जा रहा है। यह अभियान रंग भी ला रहा है। सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी में पता चला है कि आत्महत्या के मामले में भोपाल प्रदेश में छठें स्थान पर है। हमारा शहर पहले पांचवे नंबर पर था, जबकि इंदौर अभी भी पहले नंबर पर है। वहीं वर्ष 2019-2020 के मुकाबले 2020-21 में पुरुषों की खुदकुशी में 32 फीसदी की कमी आई है। जबकि महिलाओं की जान देने की घटना भी 28 फीसदी कम हुई है। हालांकि महिलाओं के मुकाबले खुदकुशी करने वाले पुरुषों की संख्या अभी भी ज्यादा है। 2019-20 में 347 पुरुषों, 147 महिलाओं ने आत्महत्या की थी, जबकि 2020-21 में 249 पुरुषों और 110 माहिलाओं ने जान दी है।
यह है डिप्रेशन के लक्षण
लगातार निराश रहना, एकांत में रहना।
छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा करना।
किसी भी चीज में पर दिमाग एकाग्र करने में मुश्किल होना।
हर समय थकान व कमजोरी महसूस करना।
हर समय चिड़चिड़ापन
पत्नी प्रताडऩा के कारण आत्महत्या कर रहे पुरुष
भाई वेलफेयर सोसाइटी का कहना है कि पुरुषों में आत्महत्या के बढ़ते मामलों की वजह पत्नी या महिलाओं के द्वारा प्रताडि़त किए जाना हैं। संस्था के फाउंडर मेंबर जकी अहमद का कहना है कि प्रदेश में वर्ष 2020-21 में जहां 9663 पुरुषों ने आत्महत्या की है वहीं पर 4915 महिलाओं ने आत्महत्या की है। इसमें सबसे ज्यादा 905 आत्महत्या इंदौर में हुईं हैं, जबकि भोपाल में 359 लोगों ने जान दी है। यह जानकारी पौरूष संस्था ने सूचना के अधिकार के तहत मध्यप्रदेश पुलिस से ली है।
भावनात्मक रूप से मजबूत हैं महिलाएं
मनोवैज्ञानिक मेखला श्रीवास्तव का कहना है कि महिलाओं को शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक रूप से कमजोर माना जाता है। जबकि सच्चाई इसके विपरीत है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के मुताबिक आत्महत्या करने वालों में पुरुषों की संख्या, महिलाओं की अपेक्षा दोगुनी है। इससे साबित होता है कि पुरुष महिलाओं की अपेक्षा मानसिक और भावनात्मक रुप से ज्यादा कमजोर होते हैं।