मंदसौर। शहर में आवारा कुत्तों का आतंक बढ़ता जा रहा है। इसके बाद भी स्थानीय प्रशासन असहाय है। अधिकारियों के अनुसार कोर्ट के आदेश हैं कि एनिमल डॉग रूल 2001 के अनुसार हम आवारा पशुओं को पकड़ नहीं सकते। कार्रवाई करते हैं तो कुछ लोग फोटो लेकर पशुहित की बात करते हुए सोशल मीडिया पर डाल देते हैं। नपा ने नियमानुसार कार्रवाई के लिए 2 बार टेंडर भी निकाला लेकिन कोई अधिकृत एनजीओ नहीं मिलने से स्थिति बिगड़ रही है।
नगरपालिका द्वारा लंबे समय से आवारा कुत्तों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई। इसके चलते शहर में इनकी संख्या बढ़ती जा रही है। इन्हें 8 से 10 के झुंड में घूमते हुए आसानी से देखा जा सकता है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार एक माह में अब तक 466 डॉग बाइट के मामले सामने आ चुके हैं। इन्हें नियमिति जिला अस्पताल में इंजेक्शन लगाए जा रहे हैं। सप्ताहभर पहले जिला अस्पताल में 5 साल की बच्ची दीपिका पिता सुनील से लेकर 57 साल के कमल पिता बसंतीलाल सहित 16 से अधिक लोग डॉग बाइट के इंजेक्शन लगवाने व इलाज करवाने पहुंचे।
स्थिति यह है कि नगरपालिका की पहली परिषद में ही पार्षद सुनीता भावसार सहित कई क्षेत्र के पार्षदों ने यह मुद्दा प्रमुखता से उठाया है। सभी ने जल्द समस्या समाधान की बात भी कही लेकिन नपा अधिकारी स्वयं को असहाय बता रहे हैं। नपा स्वास्थ्य अधिकारी हेमचंद शर्मा ने बताया कि नपा के पास आवारा पशुओं के खिलाफ कार्रवाई के अधिकार नहीं हैं।
बच्चों को बाहर खेलने नहीं दे सकते
संजीत नाका क्षेत्र की पिंकी शर्मा ने बताया कि गली में 8-10 कुत्ते एक साथ भ्रमण करते हैं। यदि इन्हें भगाने का प्रयास किया जाता है तो हमला कर देते हैं। ऐसे में कई दिन से बच्चों को बाहर खेलने भी नहीं भेज रहे। बच्चे भी दिनभर घर में परेशान होते हैं, बाहर कुत्तों का डर रहता है।
दो बार निकाले टेंडर, नहीं आई कोई समिति
कुत्तों का आतंक बढऩे पर शासन एनिमल बर्थ कंट्रोल प्रोग्राम चला सकता है। यह काम भी एनिमल वेलफेयर बोर्ड ऑफ इंडिया से रजिस्टर्ड संस्था के माध्यम से ही किया जा सकता है। नपा स्वास्थ्य अधिकारी हेमचंद शर्मा ने बताया कि इसके लिए नपा ने दो बार ऑनलाइन टेंडर कॉल किए लेकिन रजिस्टर्ड संस्था नहीं होने से कोई नहीं मिला।
मंदसौर
आवारा कुत्तों का आतंक एक माह में 466 लोगों को काटा
- 04 Nov 2022