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इंटरक्रॉपिंग खेती कर सालाना 5 लाख तक कमाई

  • 08 Jul 2022

जैविक खाद से फलों के साथ सब्जियां; खेत से हो रही बिक्री
आलीराजपुर। पश्चिमी क्षेत्र के आदिवासी बहुल आलीराजपुर जिले में अब किसान नई पद्धति से खेती करने लगे हैं। इससे फसल के साथ आमदनी भी अच्छी हो रही है। ये कहानी ऐसे ही एक किसान कुंवरसिंह की है। वे सेजा गांव के रहने वाले हैं। वे पहले पुराने तरीके से खेती करते थे। सालभर में 10 से 12 हजार रुपए कमा पाते थे। 10 से 12 साल पहले उन्होंने इंटरक्रॉपिंग खेती करना शुरू किया। इसमें ड्रिप टेक्नीक से सिंचाई करना शुरू किया। आज वे सालाना फल और सब्जियां बेचकर 5 लाख तक कमाई कर लेते हैं।
कुंवरसिंह ने इंटरक्रॉपिंग खेती के साथ नए इनोवेशन अपनाकर पूरे जिले में अपनी पहचान बनाई है। उन्होंने अपने खेत में हर प्रकार के आम लगाए हैं। इससे हर साल अच्छी कमाई हो जाती है। आम के पेड़ों के बीच खाली पड़ी जमीन में वे तरबूज, खरबूज, कटहल, भिंडी, मिर्ची और अन्य सब्जियां उगाकर लाखों की कमाई कर रहे हैं। उनके खेत में हर प्रकार के आम के पेड़ लगे हैं। इसके लिए उन्हें जिले में कई बार पुरस्कार मिल चुका है। वे अपने खेतों में जैविक केंचुआ खाद का उपयोग करते हैं।
ऐसे खेती करना शुरू किया
कुंवरसिंह ने बताया कि जब मैं घर से अलग हुआ तो मुझे एक बंजर जमीन मिली थी। मेरे सामने चुनौती बड़ी थी। परिवार और बच्चों की जिम्मेदारी भी मुझ पर थी। जमीन में जगह-जगह पत्थर थे, उनको हटाया। फिर धीरे-धीरे खेती के लायक जमीन तैयार की। शुरुआत में बारिश के समय उड़द और मूंग की खेती करते थे। गर्मी में चने और गेहूं की खेती करते थे। कमाई 10 से 12 हजार रुपए तक ही होती थी। उद्यानिकी विभाग की मदद से इंटर क्रॉपिंग खेती करना शुरू की। इससे कम लागत में ज्यादा मुनाफा होने लगा। खेतों में पाइपलाइन बिछाकर ड्रिप टेक्नीक से सिंचाई की। इससे पानी की बचत होने लगी।
उद्यानिकी विभाग ने दिखाई राह
मैं उद्यानिकी विभाग के अफसरों के सपंर्क में आया। मैंने उनसे समझा कि सही तरीके से खेती कैसे की जाती हैं। सबसे पहले खेत में हर के आम के पौधे लगाए। साथ ही बीच में खाली पड़ी जमीन पर सब्जियां लगाना शुरू की। पानी का उपयोग कम हो इसलिए ड्रिप पद्धति से सिंचाई की। फसलों में वर्मी कंपोस्ट जैविक केंचुआ खाद का इस्तेमाल किया। इससे फसल अच्छी तरह से तैयार होने लगी। मैंने फलों के साथ अंतरवर्ती सब्जियां (भिंड़ी, तरबूज और अन्य ) मल्चिंग का उपयोग करना शुरू किया। इससे न केवल फसल की पैदावार अच्छी हुई, साथ ही मेरी आमदनी भी बढ़ गईं। आज मैंने अपना घर बना लिया है। मेरे पास वाहन है। मैंने अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा के लिए भोपाल और इंदौर भेजा है।