इंदौर। इंटरनेट पर लगातार बढ़ रही अश्लीलता को लेकर चल रही जनहित याचिका में फिलहाल हाई कोर्ट में सुनवाई नहीं होगी। मंगलवार को याचिका में पक्षकारों को जवाब देना था। याचिका में पक्षकार बनाई गई बालाजी फिल्म्स की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि इसी मुद्दे को लेकर मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। ऐसी स्थिति में हाई कोर्ट में सुनवाई नहीं की जा सकती। कोर्ट ने तर्क से सहमत होते हुए सुनवाई आगे बढ़ा दी। मामले में फिलहाल हाई कोर्ट में सुनवाई नहीं होगी।
हाई कोर्ट में यह जनहित याचिका मातृ फाउंडेशन की तरफ से श्रुति बजाज ने दायर की है। इसमें कहा है कि थिएटर और मल्टीप्लेक्स में प्रदर्शित होने वाली फिल्मों को प्रदर्शन से पहले सेंसर बोर्ड से सर्टिफिकेट हासिल करना होता है, लेकिन इंटरनेट पर चलने वाली फिल्मों के लिए ऐसी कोई अनिवार्यता अब तक नहीं है।
ऐसी कोई संस्था ही नहीं है, जो इंटरनेट पर परोसी जा रही अश्लीलता को नियंत्रित कर सके। इंटरनेट पर ये फिल्में नेटफिल्क्स, अमेजॉन सहित कई कंपनियों द्वारा दिखाई जा रही हैं। याचिका में यह भी कहा है कि ये फिल्में तो अश्लील होती ही हैं। इन फिल्मों के लिए जो प्रोमो दिखाए जाते हैं वे भी परिवार के साथ देखने लायक नहीं होते। इससे युवा पीढ़ी पर विपरित असर पड़ रहा है।
इंदौर
अश्लीलता को लेकर चल रही जनहित याचिका में फिलहाल नहीं होगी हाई कोर्ट में सुनवाई
- 04 Feb 2020