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DGR विशेष

इंदौर के 6.65 लाख और भोपाल के 4.65 लाख सहित ... 70 लाख 'लापता'

  • 12 Oct 2021

वैक्सीनेशन का पहला डोज तो लगवाया, लेकिन दूसरा नहीं
ऐसे में कैसे जितेंगे कोरोना से पूरी तरह जंग
इंदौर/भोपाल। कोरोना से जंग पूरी तरह जितने में कुछ लोग ही आगे नहीं आ रहे हैं, जबकि शासन और प्रशासन पूरे प्रयास कर रहा है, बावजूद इसके लोग आगे नहीं आ रहे हैं। प्रदेश में कोरोना का दूसरा डोज नहीं लेने वाले 70 लाख लोग 'लापताÓ हो गए हैं। इनमें इंदौर के 6.65 लाख और भोपाल के 4.65 लाख लोग शामिल हैं। इन लोगों ने पहला डोज तो लगवाया, लेकिन दूसरे के लिए बार-बार मैसेज भेजने और घर जाकर दस्तक देने के बावजूद इनकी कोई सूचना नहीं मिल रही। अब सरकार भी परेशान है कि आखिर ये लोग मिल क्यों नहीं रहे।
कल मुख्यमंत्री शिवराज सिहं चौहान ने अफसरों के साथ बैठक की तो उसमें सवाल उठा कि ये लोग गए कहां? तब यह बात सामने आई कि 84 दिन पहले जब टीकाकरण शुरू हुआ था, तब सरकार ने 18 से अधिक उम्र के 5.39 करोड़ लोगों को टीके के लिए चुना था। लेकिन आबादी का ये आंकड़ा तीन से चार साल पुराना था। अब तक इनमें से ज्यादा लोग काम के लिए दूसरे राज्यों में चले गए हैं। फिलहाल मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि 10 दिन बाद प्रदेश स्तर पर तलाशी अभियान शुरू किया जाए और इन लोगों को हर हाल में ढूंढा जाए। बैठक में यह बात भी सामने आई कि भिंड जिले में घर-घर जाकर वैक्सीनेशन किया गया, फिर भी 81त्न लोगों को ही टीका लगा।
भोपाल में वैक्सीनेशन के 169 दिन पूरे हो गए हैं। 252 दिन में तय लक्ष्य 19.49 लाख पूरा हो गया था, लेकिन अभी स्थिति ये है कि दूसरा डोज नहीं लगवाने वाले 4.65 लाख लोग गायब हैं। इसमें कोवैक्सीन नहीं लगवाने वाले 47 हजार, जबकि कोविशील्ड वाले 4.18 लाख और स्पूतनिक वाले 108 लोग हैं। कलेक्टोरेट में हुई बैठक में एडीएम संदीप केरकेट्?टा ने निर्देश दिए कि सभी एसडीएम लिस्ट लेकर निकलें और दूसरा डोज नहीं लगवाने वालों को खोजें। जो पता लिखा है उनके नंबर दिए गए हैं उनको फोन करें। इसी तरह नगर निगम के अफसरों को निर्देश दिए गए हैं कि शहर के 85 वार्डों में जो टीकाकरण उनके द्वारा कराया गया है। उन लोगों की पेंडिंग लिस्ट दी जा रही है। उनकी जांच कर टीकाकरण कराएं। बैठक में यह बात भी सामने आई कि जिनके दूसरे डोज की ड्यू डेट निकल चुकी है, उनमें 80 हजार से ज्यादा ऐसे हैं, जिन्हें पहला डोज का सर्टिफिकेट नहीं मिला है। इसलिए अफसरों को सूची दी जा रही है।