धार तक काम पूरा करने की संभावना तलाशेंगे, विभिन्न चरणों में पूरा करने पर चर्चा होगी
इंदौर। इंदौरदाहोद रेल लाइन प्रोजेक्ट की धीमी रफ्तार को तेज करने और धार तक प्रोजेक्ट पूरा करने की संभावना तलाशने रेलवे मुख्यालय के अफसर यहां आएंगे। सितंबर में वे दौरा करेंगे। जानकारी के अनुसार पूर्व सांसद सुमित्रा महाजन और सांसद शंकर लालवानी की पहल के बाद रेल मंत्री ने इस मामले में अफसरों को निर्देश दिए हैं। मुंबई मुख्यालय से टीम आएगी। महाजन ने मंत्री से कहा था कि इस प्रोजेक्ट को चरणबद्ध तरीके से पूरा किया जाना चाहिए। इंदौर से टीही तक काम हो चुका है। लेकिन पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र है। इसलिए प्रोजेक्ट को धार तक प्राथमिकता के साथ पूरा किया जाना चाहिए। रेलवे को पता है कि छोटा-उदयपुर से धार तक काम पहले से ही चल ही रहा है।
इंदौर-दाहोद और छोटा उदयपुर-धार रेल लाइन का शिलान्यास हुए 13 साल पूरे हो गए। इन 13 साल में भी दोनों परियोजनाओं का काम पूरा नहीं हुआ। 2011 में तब की यूपीए सरकार ने काम पूरा करने का वादा किया था, लेकिन अब तक आधा भी नहीं हुआ। दो साल से काम बंद है और पिछले साल रेलवे बोर्ड ने कोरोना के चलते इस प्रोजेक्ट को होल्ड पर डाल दिया था। ऐसे में इस बार बजट में इसके लिए राशि भी नहीं रखी गई। अभी हाल ये हैं कि लाइन डालने और झाबुआ का स्टेशन बनाने के लिए गोपालपुरा और करड़ावद में जहां अर्थवर्क किया गया, वो जगह अब सड़क की तरह उपयोग में आ रही है। इससे दो पहिया, चार पहिया वाहन गुजर रहे हैं। ग्रामीणों ने यहां अस्थायी दुकानें भी खोली थी। 8 फरवरी 2008 को परियोजना का शिलान्यास हुआ।था। झाबुआ से होकर गुजरने वाली लाइन के लिए 14 साल में कुल 876 करोड़ रुपए जारी किए जा चुके हैं। ये 2008 में तय लागत 678 करोड़ से 198 करोड़ ज्यादा है। लेकिन लगातार काम में देरी होने से अब लागत 1600 करोड़ रुपए से ज्यादा हो चुकी है। 209 किलोमीटर की लाइन में से सिर्फ 36 किलोमीटर लाइन डली है। दाहोद से लेकर कतवारा तक 11 किलोमीटर और इंदौर से धार की तरफ 25 किलोमीटर। झाबुआ में जमीन अधिग्रहण हो चुका और गुजरात सीमा से झाबुआ के पास तक कुछ काम हुआ। काम बंद होने से इंदौर-धार के बीच बनाई गई टनल्स को बंद भी करना पड़ सकता है। पीथमपुर में 3 किमी लंबी टनल का आधा काम होने के बाद काम बंद हो गया।
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इंदौर-दाहोद रेल लाइन के लिए रेलवे मुख्यालय के अफसर सितंबर में करेंगे दौरा
- 07 Aug 2021