नोटा में नंबर वन न आ जाए इंदौर, भाजपा की देर रात हुई बैठक
इंदौर। कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय कांति बम के द्वारा अपना नामांकन वापस लेने और भाजपा में शामिल होने के बाद से ही पूरे शहर में राजनीतिक दलों के साथ-साथ आमजनों में भी तरह-तरह की चर्चाएं हैं। इन सबके बीच भाजपा को नोटा को लेकर चिंता सताने लगी है। रविवार देर रात भाजपा कार्यालय पर हुई नेताओं की बैठक के अलग-अलग मायने निकाले जा रहे हैं। नेता भले ही कह रहे हैं कि यह बैठक मतदान का प्रतिशत बढ़ाने को लेकर थी लेकिन अंदर की बात यह है कि इस बैठक में दिल्ली से जुड़े वरिष्ठ नेताओं ने 29 अप्रैल को हुए घटनाक्रम को लेकर नाराजगी जताई है।
बैठक में इस बात की आशंका भी जताई गई है कि नोटा के बड़े पैमाने पर इस्तेमाल होने की स्थिति में स्वच्छता में देशभर में पहले पायदान पर खड़ा इंदौर नोटा के इस्तेमाल में भी पहले नंबर पर आ सकता है। ऐसा होना भाजपा के लिए अच्छा संकेत नहीं होगा। देर रात करीब साढ़े 12 बजे तक चली बैठक के बाद बाहर निकले नेता इस संबंध में चर्चा से बचते रहे। उन्होंने इतना ही कहा कि मतदान का प्रतिशत बढ़ाने को लेकर चर्चा थी, लेकिन सवाल यह उठ रहा है कि देर रात अचानक से वरिष्ठ नेताओं ने यूं ही पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, नगराध्यक्ष गौरव रणदिवे, उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा और जिले के सभी नौ विधायकों को नहीं बुलाया होगा।
विशेष मुहिम चलाएंगे
इधर बैठक से बाहर निकले भाजपा नगराध्यक्ष ने बताया कि मतदान का प्रतिशत बढ़ाने के लिए भाजपा विशेष अभियान चलाएगी। इसके तहत विशेष दल बनाए जा रहे हैं तो मतदान के लिए लोगों को प्रेरित करेंगे। विशेष दलों में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को भी शामिल किया जाएगा ताकि उनके अनुभव का फायदा पार्टी को मिल सके। इसके अलावा सीए, डॉक्टर, वकील जैसे अलग-अलग क्षेत्रों से पार्टी से जुड़े लोगों के दल भी बनाए जा रहे हैं। ये सभी अपने-अपने क्षेत्रों में मतदान के लिए लोगों को प्रेरित करेंगे। पार्टी का लक्ष्य इस बार इंदौर में 70 प्रतिशत से ज्यादा मतदान कराने का है।
इंदौर
इंदौर में नोटा को लेकर ... चिंता में भाजपा
- 06 May 2024