पिंड भराई, दसवां और तेरवा अपने जीवित रहते हुए कर दिया था
इंदौर। आज इंदौर की पुण्य धरा पर एक अनूठा ही देहदान संपन्न हुआ।
स्वर्गीय श्रीमती मनोरमा देवी घोलप का आज सुबह निधन हुआ। उनकी अंतिम इच्छा अनुसार उनके नेत्रदान एमके इंटरनेशनल आई बैंक एवं देहदान शुभदीप आयुर्वेदिक चिकित्सा महाविद्यालय में संपन्न हुआ।
पेशे से नर्स रही श्रीमती मनोरमा ने अपने बच्चों के पालन पोषण एवं शिक्षा दायित्व जिम्मेदारी पूर्वक पूर्ण किए। मेरे शरीर पर शोध कर चिकित्सक विद्यार्थी काबिल डाक्टर बनें। वह जटिल से जटिल बीमारियों का हल निकाल सकें। जीते जी यह विचार श्रीमती मनोरमा ने स्वजनों से व्यक्त किए थे। उनकी इच्छा की पूर्ति करते हुए स्वजन ने उनका देहदान संपन्न कराया । उन्होने देहदान का संकल्प मुस्कान ग्रुप इंदौर में करीब 3 वर्ष पूर्व पंजीयन कराया था। अपने देहदान के संकल्प के साथ ही उन्होंने जो भी पारिवारिक अंतिम संस्कार की रस्में जैसे पिंड भराई, दसवां और तेरवा अपने जीवित रहते हुए ही संकल्प के साथ ही पूर्ण किए थे। तकनीकि सेवाप्त जीतू बगानी, गोपाल सरोके, कुलदीप राठौर एवं शुभदीप आयुर्वेदिक चिकित्सा महाविद्यालय से डॉक्टर ए के सिंह और डॉ प्रवीण जैन द्वार प्राप्त हुई। अब बारी आम नागरिकों की है कि इस तथ्य को समझें और नेत्रदान,देहदान, अंगदान प्रति भ्रांतियां मिथक, व झूठी मान्यताओं को दरकिनार कर नेत्रदान, देहदान अंगदान के लिए आगे आएं और मानवता के हाथ में हाथ देकर मानवता के सजग कार्यों में आगे बढ़े। साथियों बात अगर हम हमारे देश में कार्निया की जरूरत की करें तो भारत में हर साल करीब दो लाख कार्निया प्रत्यारोपण की जरूरत है। प्रत्येक साल 20 हजार मामले जुड़ जाते हैं।
इंदौर
इंदौर में हुआ अनुठा देहदान, नर्स मनोरमा की देह पर शोध करेंगे मेडिकल स्टूडेंट
- 15 Dec 2021