गुजराती कन्या महाविद्यालय में जीएसटी विषय पर हुए सेमिनार में सीए कीर्ति जोशी ने संबोधित किया
इंदौर। कर एक ऐसा साधन है जो किसी भी देश की सरकार और कानून को मूर्त रूप प्रदान करता हैं। कर सरकार को प्राप्त होने वाली प्रमुख आय का स्रोत भी हैं। ऐसा ही एक कर जीएसटी पिछले कुछ वर्षों से प्रकाश में आया हैं। इतना समय बीत जाने के बाद भी आज भी लोग इसके प्रावधानों एवं नीति नियमों से अवगत नहीं हैं। उक्त विचार एमकेएचएस गुजराती कन्या महाविद्यालय में एलुमिनी एसोसिएशन द्वारा जीएसटी विषय पर आयोजित सेमिनार में मुख्य वक्ता जीएसटी ट्रेनर एवं सीए कीर्ति जोशी ने व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि हमारा देश आर्थिक और भोगोलिक रूप से विविधताओं से भरा देश है और करदाता भी इसी तरह बटें हुए हैं। सरकार को इन सभी का ध्यान रखना होता है जो कि सरकार के लिए बहुत ही मुश्किल काम है और हम यदि इस पक्ष को ध्यान में रखें तो जीएसटी का सफर भारत में एक हद तक संतोषजनक रहा हैं। महाविद्यालय के चेयरमैन रमेश भाई शाह ने इस प्रकार के सेमिनार को वर्तमान समय की आवश्यकता व छात्राओं के लिए बहुपयोगी बताया। प्राचार्य डा. गोविंद सिंघल ने कहा जीएसटी का कई क्षेत्रों में सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। यह सरकार द्वारा लिए गए एक महत्वपूर्ण कदम है। जो आगे चलकर देश की अर्थव्यवस्था और व्यापार जगत को बेहतर बनाएगी।
जीएसटी प्रक्रिया में सभी करों को एक साथ लाकर उसे बराबर से वितरित किया जाता हैं। करदाता के लिए जीएसटी से जुड़ी आनलाइन प्रक्रिया विशेष रूप से रिटर्न भरने से सम्बंधित थी। महाविद्यालय के प्रशासनिक अधिकारी एवं वरिष्ठ प्राध्यापक डा. राकेश मुंजे ने कहा कि जीएसटी थोड़ी जल्दबाजी में लगाया गया जिससे करदाताओं और सलाहकारों को इसकी तैयारी का इतना समय भी नहीं मिला। उन्हें अचानक पहले से चल रहे सिस्टम से नए सिस्टम में आना पड़ा। कार्यक्रम में रजत धानुका और मौसम राठी विशेष रूप से उपस्थित थे। संचालन एलुमिनी समिति संयोजक प्रो. रिंकू गेहानी ने किया और आभार डा. मोना तन्ना ने माना।
इंदौर
इतना समय बीत जाने के बाद भी जीएसटी के प्रावधानों से लोग अवगत नहीं है
- 10 Mar 2022