तत्कालीन निगम कमिश्नर सहित उपयंत्री व सहायक यंत्री भी बने आरोपी
जबलपुर। आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू)जबलपुर ने 43 साल पुराने फर्जीवाड़ा व भ्रष्टाचार से जुड़े एक प्रकरण में एफआईआर दर्ज की है। मामला नगर निगम के लीज संपत्ति से जुड़ा है। नगर निगम के अधिकारियों से मिलकर एक संपत्ति खरीदने वाले आरोपियों ने फर्जीवाड़ा कर प्लाट का रकबा बढ़वा कर दर्ज करा लिया और लीज का नवीनीकरण भी करा लिया। बाद में इस पर भवन बनाने की अनुमति भी फर्जी तरीके से प्राप्त कर ली।
ईओडब्ल्यू एसपी देवेंद्र सिंह राजपूत के मुताबिक भोपाल मुख्यालय से शिकायत मिली थी। मामले की जांच एसआई कीर्ति शुक्ला कर रही है। जांच में पता चला कि बलवंत कौर का नगर निगम प्लाट नबंर 69 भंवरताल एक्सटेंशन में मकान है। उन्होंने मकान में से एक ब्लॉक 900 वर्गफीट का एरिया आरोपी मालती राय को 8 फरवरी 1979 को बेचा था।
प्लाट खरीदने के बाद फर्जीवाड़ा
आरोपी मालती राय ने उक्त मकान को फर्जी दस्तावेज तैयार कर तत्कालीन नगर निगम अधिकारियों के साथ षड्यंत्र रचते हुए 1693 वर्गफीट प्लाट दर्शा कर लीज का नवीनीकरण और नामांतरण करवा लिया। इसके बाद उसे 3 जनवरी 2019 को 81 लाख रुपए में नितिन पहूजा और अन्य को बेच दिया। आरोपी मालती राय ने मकान बेचने के बावजूद झूठा शपथ पत्र देकर भवन बनाने की अनुमति प्राप्त कर ली, जबकि नगर निगम जबलपुर के आदेश दिनांक 31 मई 1978 की अवहेलना कर 25 जनवरी 2020 को भवन बनाने की अनुमति प्राप्त कर ली।
राज्य सरकार को लगाई लाखों रुपए राजस्व की चपत
आरोपियों नितिन पाहूजा, दीपक खत्री, विनोद प्रेमचंदानी ने फर्जी तरीके से भवन बनाने की अनुमति प्राप्त करने के बाद पूर्व से निर्मित मकान को तोड़कर फिर से निर्माण करा लिया। इस फर्जीवाड़ा से शासन को राजस्व के तौर पर 12 लाख 15 हजार रुपए का नुकसान हुआ। वहीं 793 वर्गफीट अपंजीकृत रकबा पर लगने वाले स्टॉम्प ड्यूटी न देकर राज्य सरकार को अलग से राजस्व की क्षति पहुंचाई।
ये बने आरोपी
ईओडब्ल्यू ने इस मामले में आरोपी शील भवन नेपियर टाउन मोहित कॉम्प्लेक्स निवासी मालती माला राय, छोटी ओमती निवासी नितिन कुमार पाहुजा, दत्त इनक्लेव गीतांजलि विद्यालय के पास नेपियर टाउन निवासी विनोद प्रेमचंदानी, कचनार सम्भार आनंद सिनेमा रोड नेपियर टाउन निवासी दीपक खत्री, तत्कालीन नगर निगम आयुक्त केएस दुग्गल, तत्कालीन सहायक उपयंत्री एके रेजा, उपयंत्री बीके दुबे व अन्य के खिलाफ धोखाधड़ी, फर्जीवाड़ा व भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम का प्रकरण दर्ज कर जांच में लिया है।
जबलपुर
ईओडब्ल्यू ने 43 साल पुराने प्रकरण में दर्ज किया प्रकरण
- 04 Mar 2022