नई दिल्ली। उत्तर भारत में जल्दी गर्मी बढ़ने का एक प्रमुख कारण सर्दियों की बारिश में लगातार कमी होना है। दिसंबर-फरवरी के तीन महीनों में बारिश औसत से कम होने के कारण तापमान सामान्य से अधिक रहा है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि सर्दियों में पश्चिमी विक्षोभ की आवृत्ति एवं तीव्रता कम हो रही है।
क्लाइमेट ट्रेंड के विश्लेषण के अनुसार, दिसंबर का औसत तापमान 27.32 डिग्री दर्ज किया गया। जबकि सामान्य तापमान 26.53 डिग्री का है। यानी महीने के तापमान में 0.79 डिग्री की वृद्धि रिकॉर्ड की गई। इसी प्रकार यदि जनवरी महीने की बात करें तो इसमें 0.19 डिग्री की वृद्धि देखी गई। यह 25.60 डिग्री की तुलना में थोड़ा ज्यादा 25.79 डिग्री रहा। लेकिन, फरवरी में सारे रिकॉर्ड टूट गए। फरवरी का औसत तापमान 27.80 डिग्री होता है। जबकि यह 1.7 डिग्री बढ़कर 29.54 डिग्री रिकॉर्ड किया गया है।
अब इन तीन महीनों की बारिश पर नजर डालें तो वह लगातार घट रही है। दिसंबर में 13.6 मिमी बारिश हुई, जबकि सामान्य बारिश का रिकॉर्ड 15.4 मिमी का है। इसमें 12 फीसदी की कमी रही। जनवरी में 14.8 मिमी बारिश हुई, जबकि 17.1 मिमी सामान्य बारिश होती थी। इसमें 13 फीसदी की कमी हुई। लेकिन, फरवरी (जो सबसे ज्यादा गर्म रही) में सबसे कम बारिश हुई है। 21.8 मिमी की औसत वर्षा की तुलना में महज 7.1 मिमी बारिश हुई। कमी 68 फीसदी की है। उससे पूर्व नवंबर में भी 37 फीसदी कम बारिश हुई थी।
साभार लाइव हिन्दुस्तान
दिल्ली
उत्तर भारत में रिकॉर्ड तोड़ रही गर्मी, कम बारिश ने बढ़ाई चिंता
- 10 Mar 2023