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एक ओर महामारी से बचाव की तैयारी, दूसरी ओर, ऑक्सीजन प्लांट को चाहिए सांस!

  • 02 Dec 2021

 दो बार डेडलाइन बदली फिर भी 38 ऑक्सीजन प्लांट नहीं हो सके चालू

भोपाल।  कोरोना  दो बार डेडलाइन बदली फिर भी 38 ऑक्सीजन प्लांट नहीं हो सके चालू​की दो लहरों में हुई परेशानियों को देखते हुए तीसरी लहर की आशंका के बीच इस महामारी से लडऩे और बचाव के लिए तैयारियां की गई है। वहीं इन तैयारियों के चलते प्रदेश में 6 महीने में 164 ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट लगाए गए, लेकिन इनमें से कई अब काम नहीं कर रहे हैं। इसका बड़ा कारण ये है कि जहां प्लांट लगाए गए हैं, वहां ऑक्सीजन की जरूरत ही नहीं है। वहीं, कई अस्पतालों में प्लांट लगने के बावजूद जंबो सिलेंडर का उपयोग हो रहा है।
प्रदेश में 30 अक्टूबर तक 202 प्लांट शुरू करने का लक्ष्य रख गया था। स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों का कहना है कि अब मरीजों को ऑक्सीजन की मांग बहुत कम हो गई है, इसलिए ज्यादातर प्लांट से ऑक्सीजन जनरेशन की जरूरत ही नहीं पड़ रही है। जिला और तहसील स्तर पर ऑक्सीजन की जरूरत वाले इक्का-दुक्का मरीज ही आते हैं, जिन्हें सिलेंडर के माध्यम से ऑक्सीजन चढ़ाई जाती है। विशेषज्ञों के अनुसार अभी तक सरकारी अस्पतालों में लगाए गए नए प्लांट में ऐसी व्यवस्था नहीं की गई है कि प्लांट से बनी ऑक्सीजन किसी भी तरह के सिलेंडर में भरी जा सके। इसके लिए एक डिवाइस की जरूरत होती है, जिसकी कीमत लगभग 25 हजार रुपए है। लेकिन नियमों में प्रावधान नहीं होने के कारण किसी भी प्लांट में यह डिवाइस नहीं लगाई गई है।
ग्वालियर में 1000 बिस्तर वाले अस्पताल में नहीं चल सका ऑक्सीजन प्लांट
उधर, कोरोना की दूसरी लहर में संक्रमण तो लोगों को मार ही रहा था, ऑक्सीजन की कमी भी सैकड़ों जानें ले रही थी। ये कहर थमते ही राज्य सरकार ने सरकारी अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट तो लगवा लिए, लेकिन बीते पांच महीने में आज तक इन्हें एक बार भी नहीं चलाया गया। एक दिन पहले जब मुख्यमंत्री ने सभी जिला प्रशासन को इन प्लांट की जांच के निर्देश दिए, तब बुधवार को इनके ड्राय रन किए गए।
ग्वालियर में जयारोग्य चिकित्सालय के 1000 बिस्तर के अस्पताल में लगा ऑक्सीजन प्लांट चल नहीं पाया। ऐसे में लगातार किए जा रहे दावों की हकीकत सामने आई। अस्पताल प्रबंधन ने प्लांट लगाने वाली कंपनी को इसमें आई खामी की जानकारी दे दी है। वहीं भोपाल में 9 सरकारी अस्पतालों में लगे 10 ऑक्सीजन प्लांट चलाए गए तो हकीकत सामने आई। इनमें से 3 प्लांट ड्राय रन में ही फेल हो गए।
वोल्टेज ट्रिप की वजह से नहीं चला प्लांट
ड्राय रन के दौरान जयारोग्य चिकित्सालय के 1000 बिस्तर के अस्पताल में लगा ऑक्सीजन प्लांट चल नहीं पाया। ऑक्सीजन प्लांट को शुरू करते समय वोल्टेज 444 दिखा रहा था, लेकिन जैसे ही उसे चालू करते वैसे ही वह ट्रिप कर जाता था। इसलिए प्लांट चल नहीं पाया। अस्पताल प्रबंधन ने प्लांट लगाने वाली कंपनी को इसकी जानकारी दे दी है।
सिविल अस्पताल हजीरा
सीएमएचओ डा. मनीष शर्मा, पूर्व विधायक रमेश अग्रवाल के साथ अस्पताल पहुंचे। इन दोनों ने ऑक्सीजन प्लांट चालू कराकर देखा। अस्पताल डा. प्रशांत नायक ने उन्हें कोविड को लेकर अस्पताल में की जा रही तैयारियों से अवगत कराया।
जेएएच परिसर- यहां स्थापित पांच में चार प्लांट काम करते मिले। सन फॉर्मा द्वारा दिया गया एक प्लांट शुरू से ही खराब है। अधीक्षक डॉ. आरकेएस धाकड़ के मुताबिक कंपनी को इसे वापस ले जाने या नया लगाने के बारे में पहले ही लिखा जा चुका है।
जिला अस्पताल मुरार- डीएचओ डा.शिवराम कुशवाह , भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष देवेश शर्मा के साथ सुबह 10 बजे जिला अस्पताल मुरार पहुंचे। आरएमओ डॉ. आलोक पुरोहित ने उन्हें ऑक्सीजन प्लांट चलाकर दिखाया। ऑक्सीजन का फ्लो सही आ रहा था।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मोहना और हस्तिनापुर
डॉ. बिंदु सिंघल और डॉ. रवि शर्मा के साथ पूर्व विधायक मदन कुशवाह ने ऑक्सीजन प्लांट की ड्राय रन करा कर देखा।