अति सीमित संसाधनों और कठोर कोरोनकाल के मध्य कठोर निर्णय करते हुए दैनिक स्वरूप का आगाज हुआ था जो शनै शनै 1 वर्ष की परिधि को पूरा कर गया है ...
कठिन दौर..संसाधनों की कमी. लेकिन उसकी पूर्ति हरिकृपा से होती रही , सभी साथियों ने यथायोग्य अपना योगदान दिया इसी कारण सफर का स्वान्तःसुखाय आनन्द भी बना रहा जो ऊर्जा रूप में अत्यावश्यक भी है...
एक वर्ष के दैनिक समाचार पत्र की यात्रा निश्चित रुप से आने वाले समय के लिए प्रेरित करेगी ओर यूं भी आप सभी का साथ - विश्वास -पठन जारी रहेगा तो सफ़र आसान भी होगा ..
इसी प्रकार कदम दर कदम चलते -बढ़ते हुए
जनहितार्थ हमारे "सतर्क रहें - सजग रहे अभियान " पल्लवित- कुसुमित होता रहे , आप सभी की स्वीकरोक्ति की अनुभूति बनी रहे तो निश्चित ही "हम होंगे कामयाब एक दिन".. चरितार्थ होगा ।
सभी मित्रों, साथियों, शुभचिंतकों एवं सुधि पाठकों का आभार !
सदैव -सा
पुष्पेन्द्र पुष्प