सागर। राजघाट रोड पर एक साल पहले करीब 60 लाख की लागत से तैयार जोनल साइबर थाना की बिल्डिंग में थाना नहीं, बल्कि इसकी लैब चालू होगी। पुलिस विभाग के पास साइबर अपराधों की जांच के लिए तकनीकी स्टाफ की कमी होने के कारण इसका उपयोग भोपाल स्थित साइबर थाने की लैब के रूप में होगा। भविष्य में इसे जोनल थाने का स्वरूप दिया जा सकता है, लेकिन यह कब तक संभव होगा अफसर बताने की स्थिति में नहीं है। यहां लैब के साथ साइबर अपराध से जुड़ी ट्रेनिंग भी दी जाएगी। कुल मिलाकर जिला पुलिस की साइबर सेल का भार फिलहाल कम होने वाला नहीं है। साइबर अपराधों की जांच सेल को ही करना होगी। पुलिस की साइबर सेल के पास पहले से इतनी पेंडेंसी है कि उसे निपटाने में लंबा वक्त लग जाएगा। हर महीने जिले भर से करीब 50 से ज्यादा शिकायतें विभिन्न थानों और एसपी ऑफिस से साइबर सेल पहुंच रही हैं। करीब 70 फीसदी शिकायतें पेंडिंग चल रही हैं। प्रदेश में सिर्फ भोपाल में ही साइबर थाना, इंदौर, उज्जैन व ग्वालियर में खोलने की तैयारी प्रदेश में साइबर थाना सिर्फ भोपाल में ही काम कर रहा है। मप्र पुलिस की साइबर विंग अब इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर जैसे बड़े शहरों में साइबर थाना चालू करने की तैयारी में है। इन शहरों में अभी जोनल थाने हैं। सागर में साइबर पुलिस स्टेशन के नाम से 2020 में तैयार हुई बिल्डिंग को संभाग स्तरीय जोनल थाने के रूप में देखा जा रहा था।
6 माह में 240 शिकायतें
जिले में साइबर ठगी के अपराध लगातार बढ़ रहे हैं। सागर कलेक्टर दीपक सिंह की दो बार फेक आईडी बनाकर ठगी की कोशिश की गई। जिले में 2020 में 441 शिकायत दर्ज हुईं थी। साइबर सेल ने पिछले साल 10-12 गिरोह भी पकड़े थे। वहीं 45 लाख रुपए की वापसी और एकाउंट में फ्रीज कराए गए थे। 2021 में अब तक साइबर अपराध से जुड़ी 240 शिकायतें दर्ज हो चुकी हैं। इस साल 6 महीने में सिर्फ 2 लाख की रिकवरी हुई है।
सागर
एक साल पहले तैयार हुई बिल्डिंग में साइबर थाना नहीं, लैब ही खुलेगी
- 29 Jun 2021