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DGR विशेष

एमपी में 4.49 लाख लोगों को हाइपरटेंशन

  • 15 Feb 2022

गांवों में भी बढ़ रहे हाई बीपी और शुगर जैसी बीमारियों के मरीज, 92% का चल रहा इलाज
भोपाल। किसी को काम का तनाव तो किसी को बेरोजगारी का और कहीं पारिवारिक समस्याएं तनाव का कारण बनती हैं। चिंता में डूबे लोगों को कई बीमारियां घेरने लगती हैं। टेंशन के कारण हाई ब्लड़ प्रेशर यानि हाइपरटेंशन के मरीज बढ़ रहे हैं।
एनएचएम के निरोगी काया अभियान के अंतर्गत कराए गए सर्वे में एमपी के करीब 4.49 लाख लोग हाईपरटेंशन (हाई ब्लड प्रेशर) से पीड़ित मिले। बीपी के इन मरीजों को सरकारी अस्पतालों से हर महीने फ्री दवाएं दी जा रही हैं। मरीजों की जांच के बाद उन्हें ट्रीटमेंट मुहैया कराने में सिंगरौली सबसे आगे है। यहां हाइपरटेंशन के 5,509 मरीजों में 99 प्रतिशत मरीजों को नियमित दवाएं देकर उपचार मुहैया कराया जा रहा है।
एमपी में डायबिटीज के ढाई लाख मरीज
मप्र के एनसीडी प्रोग्राम की रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में डायबिटीज के 2,39,275 चिन्हित मरीज हैं। अच्छी बात यह है कि इनमें 92 प्रतिशत यानि 2,20,872 मरीजों को ट्रीटमेंट मुहैया कराया जा रहा है। शुगर पेशेंट्स का ट्रीटमेंट करने में टॉप 10 जिलों में सिवनी, सागर, उज्जैन, कटनी, इंदौर, टीकमगढ़, भोपाल, जबलपुर, बालाघाट, रतलाम और शहडोल अव्वल है।
यहां मुफ्त दवाएं
जिला अस्पताल, सिविल हॉस्पिटल, उऌउ (सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र), (प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र), (शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र), संजीवनी क्लीनिक, उप स्वास्थ्य केन्द्र, हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर ।
किस बीमारी के मरीज को क्या इलाज?
हाईपरटेंशन: तीन दिन तक लगातार बीपी चेक करते हैं। अगर बीपी 90/140 से ऊपर से आया तो उसे सात दिन तक टेबलेट एम्लोडिपिन रात में सोते वक्त खाने की सलाह दी जाती है। एक हफ्ते दवाएं देकर फॉलोअप करते हैं। अगर बीपी कंट्रोल नहीं हुआ, तो उसे एम्लोडिपिन  अन्य टैबलेट देकर कार्डियक टेस्ट कराने की सलाह देते हैं।
शुगर: शुगर लेवल 140 से ऊपर होने पर मेटफॉरमिन टैबलेट खाना खाने के पहले लेनी एक हफ्ते तक दी जाती है। सात दिन बाद फॉलोअप किया जाता है। यदि शुगर कंट्रोल नहीं हुई, तो उसे हायर सेंटर पर एक्सपर्ट के पास जांच के लिए भेजा जाता है।