नई दिल्ली। सोमवार यानी 24 मई से शुरू होने वाली एशियाई मुक्केबाजी चैंपियनशिप में छोटे ड्रॉ के कारण भारत के सात पदक पक्के हो गए। महिलाओं में शीर्ष वरीयता प्राप्त छह बार की विश्व चैम्पियन एमसी मैरीकॉम (51 किग्रा), गत चैम्पियन पूजा रानी (75 किग्रा), अनुपमा (81 किग्रा से अधिक), स्वीटी (81 किग्रा), लवलीना बोरगोहेन (69 किग्रा), लालबुतसाई (64 किग्रा) और मोनिका (48) सेमीफाइनल मुकाबले से अपने अभियान को शुरू करेंगे। महिलाओं के वर्ग में 10 भार वर्ग में कुल 47 मुक्केबाज भाग ले रही हैं। भारत के कुल 19 मुक्केबाज इस प्रतियोगिता में अपना कौशल दिखाएंगे। इनमें नौ पुरुष और 10 महिला मुक्केबाज शामिल हैं। इस बार विजेताओं को पुरस्कार राशि भी मिलेगी।
रिंग की रानी 38 वर्षीय एमसी मैरीकॉम (51 किग्रा) दुबई में जब एशियाई मुक्केबाजी चैंपियनशिप में उतरेंगी तो उनकी निगाह रिकॉर्ड छठे स्वर्ण पदक पर होगी। रिकॉर्ड सातवीं बार इस चैंपियनशिप में खेलने जा रही मैरी कभी खाली नहीं लौटी हैं। वह पांच बार रिंग की रानी बनीं तो एक बार (2008) में उपविजेता रहीं। तीन बच्चों की मां मैरी की यह शायद आखिरी एशियाई चैंपियनशिप हो सकती है तो वह इसे यादगार बनाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाहेंगी।
यहां स्वर्णिम पंच जड़कर मैरी टोक्यो ओलंपिक की अपनी तैयारियों को भी पुख्ता करना चाहेंगी। छह बार की विश्व चैंपियन मैरीकॉक के अलावा टोक्यो के लिए क्वालिफाई कर चुकीं सिमरनजीत कौर (60 किग्रा), लवलीना बोरगोहेन (69 किग्रा) और गत चैंपियन पूजा रानी (75 किग्रा) पर भारतीय उम्मीदें टिकी हैं। सोमवार से शुरू होने वाली इस चैंपियनशिप में 19 भारतीय मुक्केबाज चुनौती पेश करेंगे, जिसमें दस महिलाएं और नौ पुरुष शामिल हैं। ओलंपिक के लिए क्वालिफाई करने वाले और गत चैंपियन अमित पंघाल (52 किग्रा) और चार बार के पदक विजेता शिव थापा (64 किग्रा) पर भी निगाह रहेगी। विश्व कप में रजत पदक जीतने वाले एकमात्र भारतीय पुरुष मुक्केबाज अमित इस चैंपियनशिप से टोक्यो की अपनी तैयारियां भी परखना चाहेंगे।
यह ओलंपिक से पहले आखिरी अतंरराष्ट्रीय मुक्केबाजी चैंपियनशिप है। उनके अलावा आशीष कुमार (75 किग्रा) और पूर्व पदक विजेता विकास कृष्ण (69 किग्रा) भी ओलंपिक की अपनी तैयारियों को अंतिम रूप देना चाहेंगे।
भारत में होनी थी चैंपियनशिप
पहले यह टूनार्मेंट भारत में आयोजित किया जाना था लेकिन कोविड-19 के बढ़ते मामलों के कारण दुबई को इसकी मेजबानी सौंपी गई। भारत सह मेजबान रहेगा। भारत के अलावा, इंडोनेशिया, ईरान, कजाकिस्तान, दक्षिण कोरिया, किर्गिस्तान, फिलीपींस और उज्बेकिस्तान आदि देश भी इस महाद्वीपीय प्रतियोगिता में चुनौती पेश करेंगे।
ओलंपिक से पहले खामियां सुधारने का मिलेगा मौका
इससे हमें यह आकलन करने का मौका मिलेगा कि ओलंपिक के लिए पहले हम किस स्थिति में हैं और हमें कहां सुधार की जरूरत है। इस लिहाज से यह प्रतियोगिता हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है। हम हमेशा जीत के लिए आते हैं। हम जानते हैं कि यह बेहद कड़ी प्रतियोगिता होगी। कई देशों ने ओलंपिक के लिए क्वालिफाई कर चुके मुक्केबाजों को उतारा है और कई विश्व चैंपियनशिप के पदक विजेता हैं। लेकिन हमें पूरी उम्मीद है कि टीम अच्छे परिणाम हासिल करेगी। -सैंटियागो नीवा, हाई परफोर्मेंस, डायरेक्टर
400,000 डॉलर की पुरस्कार राशि
अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी संघ ने प्रतियोगिता के लिए इस बार 400,000 डॉलर की पुरस्कार राशि की घोषणा की है। इसमें स्वर्ण पदक विजेता को 10,000 डालर, रजत पदक विजेता को 5000 डालर और कांस्य पदक जीतने वाले दोनों खिलाड़ियों में से प्रत्येक को 2500 डालर का पुरस्कार मिलेगा।
17 देशों के मुक्केबाज चुनौती पेश करेंगे
टूनार्मेंट में 27 देशों को भाग लेना था लेकिन कोविड-19 के कारण लागू यात्रा प्रतिबंधों की वजह से इसमें सिर्फ 17 देशों के मुक्केबाज चुनौती पेश करेंगे। गत चैम्पियन अमित पंघाल (52 किग्रा) के साथ कुल छह भारतीय खिलाड़ियों को पहले दौर में बाई मिला है और वे क्वार्टरफाइनल से अपने अभियान को शुरू करेंगे।
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