भोपाल। आम आदमी की जरूरत की ज्यादातर सुविधाएं अब ऑनलाइन हैं। बिजली बिल और प्रॉपर्टी टैक्स जमा करने से लेकर जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाना और नौकरों-किराएदारों के वेरिफिकेशन तक के सारे काम ऑनलाइन उपलब्ध हैं, लेकिन हकीकत यह है कि इन सुविधाओं के लिए अब भी आम आदमी परेशान ही होता है।
क्योंकि, कहीं कनेक्टिविटी की दिक्कत है तो कहीं सॉफ्टवेयर ही सिंक्रोनाइज्ड नहीं है। ज्यादातर सेवाओं के सर्वर भी अपग्रेड नहीं हैं। जरा सा भी लोड बढ़ता है तो पूरा सिस्टम बैठ जाता है। परेशान होकर लोगों को दफ्तर जाकर काम करवाना पड़ता है। बिजली कंपनी का दावा है कि उनकी सभी सुविधाएं ऑनलाइन हैं। यानी कहने के लिए बिजली बिल ऑनलाइन जमा हो जाते हैं, सेल्फ मीटर रीडिंग भेजकर बिल भी बनवाया जा सकता है। 6लेकिन हकीकत इसके विपरीत है। बिजली बिल ऑनलाइन जमा करने में लोग रोज परेशान होते हैं। बिजली कंपनी के दफ्तरों में रोजाना कम से कम 50 लोग ऐसे पहुंचते हैं, जो यह शिकायत करते हैं कि खाते से राशि कट गई, लेकिन बिल जमा नहीं हुआ। आखिरी तारीख पर यह स्थिति बनने पर ईमानदार उपभोक्ताओं को भी पेनाल्टी भरना पड़ती है। शट डाउन होने पर उपभोक्ता शिकायत दर्ज कराना चाहे तो कॉल सेंटर पर फोन ही नहीं उठता। मीटर रीडिंग का फोटो भेजकर बिल बनवाना चाहो तो कंपनी के इंजीनियर दफ्तर बुलाते हैं।
बर्थ और डेथ सर्टिफिकेट नहीं बन पाते ऑनलाइन
राजधानी में रोजाना 50 से अधिक बर्थ और डेथ सर्टिफिकेट बनते हैैं। यह सुविधा भी ऑनलाइन है। लेकिन केंद्र सरकार द्वारा नेशनल लेवल पर तैयार कराए गए पोर्टल की स्थिति यह है कि इस पर जरूरी डॉक्यूमेंट सबमिट हुए या नहीं, पता नहीं लगता। दो-तीन दिन बाद जब आवेदन निरस्त होने का मैसेज आता है, तब पता लगता है कि डॉक्यूमेंट अपलोड नहीं हुआ। उसके बाद आम आदमी की परेशानी का सिलसिला शुरू होता है। आम लोगों का अनुभव यह है कि घर से आवेदन की बजाय नगर निगम वार्ड कार्यालय में जाकर ऑनलाइन आवेदन हो जाता है। लेकिन उसमें भी लाइन में तो लगना ही पड़ता है। जन्म या मृत्यु के एक महीने बाद तो आवेदन ऑनलाइन भी नहीं हो पाता।
भोपाल
ऑनलाइन के नाम पर छलावा, सिर्फ प्रोजेक्ट स्मार्ट हुए, सिस्टम नहीं
- 24 Aug 2021