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इंदौर

कांग्रेस ने बीएलओ नियुक्ति में गड़बड़ी के लगाए चुनाव आयोग पर आरोप

  • 26 Apr 2023

इंदौर। आप चुनावों में वोट डाल पाएंगे या नहीं, ये मतदाता सूची से तय होता है। और मतदाता सूची तैयार करने का काम बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) का होता है। लेकिन इंदौर में बूथ लेवल अधिकारी बनाने में सारे नियमों को ताक में रख दिया गया है। ये आरोप लगाए हैं, कांग्रेस ने। कांग्रेस ने इसके लिए मुख्य निर्वाचन आयुक्त, राज्य निर्वाचन आयुक्त सहित इंदौर जिला निर्वाचन अधिकारी सहित 5 लोगों को कानूनी नोटिस भी जारी किया है।
कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता संतोष गौतम, इंदौर के मतदाता सूची प्रभारी दिलीप कौशल, रवि गुरनानी ने मंगलवार को प्रेस कांफ्रेंस में ये आरोप लगाए। कांग्रेस नेताओं का आरोप था कि 2012 में बीएलओ की नियुक्ति के लिए नियम बनाए गए थे। इनके तहत 15 तरह के सरकारी कर्मचारी ही बीएलओ बनाए जा सकते हैं। लेकिन इंदौर में 302 बूथ लेवल ऑफिसर ऐसे हैं जो नियमों के हिसाब से पात्र ही नहीं है। इंदौर में तबला वादक, चपरासी, आइलमैन, ड्राइवर, मस्टर कर्मचारी, समयपाल, पंपचालक, मैकेनिक, प्लम्बर, वनरक्षक, वनपाल को बीएलओ बना दिया गया है। कांग्रेस नेताओं के मुताबिक विधानसभा 5 जहां बीते विधानसभा चुनावों में कांग्रेस 1100 वोटों से हारी थी वहां पर इस साल की मतदाता सूची में 5857 मतदाताओं के नाम जोड़े गए हैं, जबकि 27819 मतदाताओं के नाम बगैर विधिक प्रक्रिया के काट दिए गए। इसी तरह से विधानसभा 3 में 1701 नए नाम जोड़ दिए गए, जबकि 8077 नाम काट दिए गए। बीते साल ही 1 लाख 35 हजार 836 मतदाताओं के नाम काटे गए। जिससे साफ है कि इन फर्जी बीएलओ के जरिए निर्वाचन आयोग भी सत्ताधारी पार्टी की मदद कर रहा है। कांग्रेस नेताओं के मुताबिक उन्होंने इस संवैधानिक गड़बड़ी को लेकर अभिभाषक जयेश गुरनानी के माध्यम से एक कानूनी नोटिस निर्वाचन आयोग को जारी किया है। जिसमें 7 दिनों में इन सभी को हटाने के लिए कहा गया है, यदि इन्हें नहीं हटाया गया तो फिर कांग्रेस निर्वाचन आयोग के खिलाफ कोर्ट में याचिका दायर करेगी।
निगम चुनावों में गायब हो गए थे कई मतदाता
गौरतलब है कि जुलाई 2022 में हुए नगर निगम के चुनावों में इंदौर के कई प्रमुख लोगों के साथ ही लगभग 10 फीसदी वोटर वोट नहीं डाल पाए थे। उनका नाम मतदाता सूची में नहीं था। उस समय भी मतदाता सूची को लेकर सवाल खड़े हुए थे।