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इंदौर

कांग्रेस में जमीनी कार्यकर्ताओं की उपेक्षा से बढ़ी नाराजगी

  • 13 Sep 2023

इंदौर. इस वर्ष विधानसभा चुनाव होना है। ऐसे में कांग्रेस अपने जमीनी कार्यकतार्ओं को संभालने के बजाय उपेक्षा कर रही है। इसको लेकर कांग्रेस कार्यकतार्ओं में नाराजगी बढ़ती जा रही है। इधर, शहर कांग्रेस कमेटी में कार्यवाहक अध्यक्ष बने की दौड़ से अमन बजाज को बाहर कर जहां प्रदेश महामंत्री बना दिया गया है, वहीं गोलू अग्निहोत्री के कार्यवाहक अध्यक्ष बनने से अन्य दावेदारों की उम्मीद पर पानी फिर गया है। साथ ही कांग्रेस के हर कार्यक्रम में दरी बिछाने के साथ झंडे उठाने वाले कार्यकतार्ओं को पद देकर उपकृत न करने से उनमें पार्टी के बड़े नेताओं के प्रति आक्रोश है।
गांधी भवन में तकरीबन साढ़े 5 महीने तक खाली पड़ी रहने वाली इंदौर शहर कांग्रेस अध्यक्ष की कुर्सी पर सुरजीत सिंह चड्ढा की ताजपोशी की गई। अध्यक्ष की कुर्सी पाने के लिए गोलू अग्निहोत्री ने भोपाल से दिल्ली एक कर दी, लेकिन उन्हें अध्यक्ष नहीं बनाया गया। प्रदेशाध्यक्ष कमल नाथ के काफी करीब होने के बावजूद गोलू को शहर अध्यक्ष की कुर्सी न देते हुए प्रदेश में महामंत्री बना दिया गया। कांग्रेस में कल उल्टी गंगा बह गई, क्योंकि गोलू अग्निहोत्री प्रदेश महामंत्री पद से हटाकर शहर कांग्रेस का कार्यवाहक अध्यक्ष बना दिया गया। इसके साथ ही शहर कांग्रेस कार्यवाहक अध्यक्ष बनने की दौड़ में शामिल अमन बजाज को बाहर कर प्रदेश महामंत्री बना दिया गया है, जबकि बजाज के साथ-साथ कार्यवाहक अध्यक्ष बनने के लिए देवेंद्र सिंह यादव, टंटू शर्मा और लच्छू मिमरोट भी लगे हुए थे।
इन्होंने अपने राजनीतिक आकाओं को साधना भी शुरू कर दिया। अमन बजाज जहां वरिष्ठ विधायक सज्जन सिंह वर्मा के भरोसे थे, वहीं देवेंद्र सिंह यादव जिले के प्रभारी महेंद्र जोशी व मोर्चा संगठन प्रदेश प्रभारी शोभा ओझा, टंटू शर्मा विधायक संजय शुक्ला, लच्छू मिमरोट विधायक विशाल पटेल और स्वप्निल कोठारी के जरिए कार्यवाहक अध्यक्ष बनना चाहते थे। कल गोलू अग्निहोत्री के कार्यवाहक अध्यक्ष बनने से इन दावेदारों की उम्मीद पर पानी फिर गया है। इसके साथ ही चुनावी वर्ष होने के बावजूद जमीनी कार्यकतार्ओं को पद देकर उपकृत न करने और उपेक्षा के चलते नाराजगी अलग है। कांग्रेसियों के अनुसार शहर कांग्रेस में कार्यकारी अध्यक्ष बनाने की उठती मांग को मंजूर न होने देने में अध्यक्ष चड्ढा ने भी अपनी ताकत लगाई थी, क्योंकि वे नहीं चाहते थे कि उनके साथ कोई और कार्यवाहक अध्यक्ष के रूप में काम करें। उनकी ताकत काम नहीं आई और गोलू अग्निहोत्री को उनके साथ कार्यवाहक अध्यक्ष बना ही दिया गया।