Highlights

इंदौर

कांग्रेस विधायक के दुष्कर्मी पुत्र करण मोरवाल की सम्पत्ति के नामांककरण पर लगी रोक, कोर्ट ने कर दी थी जमानत खारिज,दिया था सम्पत्ति कुर्की का आदेश

  • 21 Sep 2021

इंदौर।  दुष्कर्म और ब्लैकमेलिंग के मामले में फरार बडनगर विधायक के  पुत्र करण मोरवाल की मुसीबतें और बढ़ सकती हैं। इंदौर की जिला अदालत ने दुष्कर्म के आरोपी करन को 28 सितम्बर तक कोर्ट में पेश होने आदेश दिए थे।यदि 28 सितंबर तक आरोपी कोर्ट में पेश नहीं होता है,तो उसकी सारी संपत्ति कुर्क करने के आदेश कोर्ट ने जारी किये थे। आरोपी को जैसे ही इसकी खबर लगी तो उसने अपने भाई के नाम पावर ऑफ अटॉर्नी कर प्रॉपर्टी का दान के लिए कागजात तैयार करवा लिये।ये प्रापर्टी किसी जरूरतमंद को दान नहीं दी जा रही बल्कि आरोपी की मां मीना मोरवाल को मिलने वाली थी। इसकी जानकारी लगते ही इंदौर पुलिस द्वारा बड़नगर उप पंजीयक को पत्र लिखकर जमीन के नामांतरण पर रोक लगाने की बात कही गई है।
बड़नगर के कांग्रेस विधायक के पुत्र और दुष्कर्म के आरोपी करन मोरवाल की संपत्ति और जमींन पर इंदौर पुलिस ने नामंतरण पर रोक लगाने के लिए बड़नगर उप पंजीयक को पत्र लिखा हैं और कहा है की आरोपी दुष्कर्म के मामले में पिछले 6 माह से फरार है,जिस पर इंदौर पुलिस ने उसकी गिरफ़्तारी पर पांच हजार का इनाम भी घोषित किया है। वही इंदौर पुलिस द्वारा बड़नगर के कई इलाकों में करण मोरवाल की खोजबीन की जा रही है। इसके लिए बडनगर में 15 दिन पूर्व ही इलाके के सभी जगहो पर  पुलिस द्वारा आरोपी के पोस्टर भी चस्पा किए गए हैं। मामले में आरोपी अब तक पुलिस गिरफ्त से दूर है। पुलिस ने बताया कि जमानत अर्जी खारिज होने पर करण ने संपत्ति बचाने का रास्ता निकाला। दान पत्र लिखने के कारण रजिस्ट्री शुल्क भी बच गया। कुर्की के डर से करण ने उसके हिस्से के मकान और जमीन मां मीना को दान देना बता दिया। रजिस्ट्री के लिए खुद उपस्थित नहीं हो सकता था तो भाई शिवम को पॉवर आफ अटॉर्नी कर दी। टीआई ज्योति शर्मा ने उज्जैन कलेक्टर, तहसीलदार और उप पंजीयक को पत्र लिख नामांतरण आदि पर रोक लगा दी है।
आरोपी करण द्वारा कांग्रेस की एक महिला पदाधिकारी को इंदौर की एक होटल में ले जाकर दुष्कर्म का मामला  महिला थाने में दर्ज कराया था। मामला दर्ज होने के बाद से ही करण फरार है,वही 12 जुलाई को जिला कोर्ट ने करण मोरवाल की अग्रिम जमानत खारिज कर दी थी। और संपत्ति कुर्क करने के आदेश जारी किये थे।