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इंदौर

कागज की कमी के का असर, डीएवीवी के रिजल्ट पर

  • 29 Oct 2021

इंदौर। कागज नहीं होने से देवी अहिल्या विश्वविद्यालय (देअवीवी) में अंकसूची जारी करने की व्यवस्था बिगड़ गई है। इन दिनों करीब सवा दो लाख अंकसूची कालेजों में पहुंचना है। दो दिन पहले कोरी अंकसूची विश्वविद्यालय को उपलब्ध हुई है। अब अधिकारियों ने तय किया है कि पहले यूजी फाइनल ईयर, पीजी चौथे सेमेस्टर और विधि पाठ्यक्रम में विद्यार्थियों को सबसे पहले अंकसूची जारी करेंगे। ताकि यूजी-पीजी वाले छात्र-छात्राएं अपना प्रवेश अगली कक्षाओं में करवा सके, जबकि विधि संकाय वाले विद्यार्थी सनद के लिए फार्म भर सके। हालांकि विद्यार्थियों की परेशानी को देखते हुए आनलाइन अंकसूची की प्रिंट पर अधिकारी सील लगाकर दे रहे हैं।
पुरानी एजेंसी का ठेका खत्म होने के चलते विश्वविद्यालय में कोरी अंकसूची का संकट आया। महीनेभर तक एक भी विद्यार्थियों को अंकसूची नहीं दी गई। जबकि जुलाई से अक्टूबर के बीच 80 अलग-अलग कोर्स की परीक्षा करवाई गई। यूजी-पीजी कोर्स के सवा दो लाख विद्यार्थियों की अंकसूची अटक हुई है। विद्यार्थी आए दिन हंगामा-प्रदर्शन करने में लगे है। बीते दिनों नई एजेंसी पर दवाब बनाकर कोरी अंकसूची बुलवाई गई। लगभग डेढ़ लाख अंकसूची की पहली किस्त विश्वविद्यालय को मिली है।
परीक्षा नियंत्रक डा. अशेष तिवारी ने कहा कि जिन विद्यार्थियों को अगली कक्षाओं में प्रवेश लेना और सनद के लिए आवेदन करने वाले फाइनल ईयर के विद्यार्थियों को तीन दिन में अंकसूची जारी करेंगे। इनकी संख्या लगभग 70 हजार है, जिसमें 12 हजार ला, 42 हजार यूजी फाइनल और 17 हजार पीजी चौथे सेमेस्टर के छात्र-छात्राएं शामिल है। वे बताते है कि कालेजों से भी संपर्क कर विद्यार्थियों की जानकार की बुलवाई गई है।
बीए, बीकाम, बीएससी, एमए, एमकाम, एमएससी सहित 36 से ज्यादा कोर्स के सवा दो लाख विद्यार्थियों की अंकसूची मिलना है। इसके लिए विश्वविद्यालय ने पंद्रह दिन में व्यवस्था सामान्य होने का दावा किया है। बकायदा नई एजेंसी से अगले सात दिन में दो लाख ओर कोरी अंकसूची मांगी है। बताया जाता है कि एजेंसी ने एक-एक लाख कोरी अंकसूची पहुंचाने पर जोर दिया है। फिलहाल अधिकारी इस पर राजी हो चुके है।