जिसने सड़क हादसे में घायल को अस्पताल पहुंचाकर उसकी जान बचाई
भोपाल/इंदौर। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा सड़क हादसों में गंभीर से रूप से घायल व्यक्ति को गोल्डन अवर में अस्पताल/ट्रामा केयर सेंटर पहुंचाकर एवं उनकी जिंदगी बचाने वाले व्यक्ति को प्रोत्साहन राशि के लिए एक योजना बनाई गई है। इस योजना को प्रोत्साहन अवार्ड योजना नाम दिया गया है। सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल व्यक्ति को गड सेमेरिटन (नेक व्यक्ति या आदमी ) द्वारा सीधा अस्पताल/ट्रागा केयर सेंटर ले जाता है तो उसके बारे में ड्राक्टर द्वारा स्थानीय पुलिस को सूचित किया जाएगा। पुलिस द्वारा उसकी पूर्ण जानकारी घटना का विवरण, मोबाईल नम्बर इत्यादि एक जिला अपरेजल कमेटी को भेजा जाएगा।
आपको ये जानकार हैरानी होगी कि बीते चार महीने से भोपाल ट्रैफिक पुलिस को एक भी ऐसा 'नेक आदमीÓ नहीं मिला, जिसने सड़क हादसे में घायल शख्स को अस्पताल पहुंचाकर उसकी जान बचाई हो। चौंकिए नहीं, ऐसा नहीं है कि इस अच्छे काम को करने वालों की भोपाल जिले में कोई कमी है लेकिन इस नेक काम को करके शासन की गुड सेमेरिटन (नेक आदमी) योजना का लाभ लेने वाला अब तक सामने नहीं आया है। यही हाल इंदौर शहर में भी है। अभी तक कोई भी इस योजना का लाभ लेने के लिए सामने नहीं आया है।
3 अक्टूबर को हुई शुरूआत
दरअसल, इसके पीछे की वजह है कि ऐसे मददगारों को या तो 'नेक आदमीÓ योजना की जानकारी नहीं है या फिर मददगार कानूनी पचड़े में पडऩे से घबराते हैं। बीती 3 अक्टूबर को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने गुड सेमेरिटन (नेक आदमी) योजना की शुरुआत की है। इसके बाद केंद्रीय सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय ने मप्र पुलिस मुख्यालय को पत्र लिखकर इस योजना को लागू करने के निर्देश दिए।
नहीं हुआ समिति का गठन
इसके बाद भी प्रदेश के पांच जिलों और दो पुलिस ईकाइयों में इसके लिए जरूरी समिति का गठन भी नहीं हुआ है। पुलिस ट्रेनिंग एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट (पीटीआरआई) ने इस संबंध में इन सातों पुलिस अधीक्षकों को समिति गठित करने के लिए रिमाइंडर भेजा है।
पांच मिलेगा सम्मान
एक व्यक्ति को एक साल में अधिकतम पांच बार सम्मानित किया जा सकेगा। सिर, रीढ़ की हड्डी में चोट या कम से कम तीन दिन के लिए अस्पताल में भर्ती रहने या बड़ी सर्जरी होने की स्थिति में मदद करने वाला व्यक्ति गुड सेमेरिटन पुरस्कार के लिए पात्र होगा।
गोल्डन ऑवर में बचानी है जान
सड़क हादसे में घायल व्यक्ति को गोल्डन ऑवर (शुरुआती एक घंटे) में अस्पताल पहुंचाने व उसकी जान बचाने वाले को 'गुड सेमेरिटनÓ(नेक आदमी) का दर्जा दिया जा रहा है। इसके लिए उसे 5 हजार रुपए व प्रशंसा पत्र देने के आदेश हुए हैं। बेहतरीन मामला भारत सरकार के पास भेजा जाएगा। इसका मकसद लोगों को जागरूक करना और सड़क हादसों में मौत का ग्राफ कम करना है।
इन जिलों ने समिति तक गठित नहीं की
इस योजना को लागू करने के लिए हर जिले में एक समिति बनाई गई है। यह समिति गुड सेमेरिटन की पहचान कर उन्हें इनाम दिलवाएगी। एडीजी ट्रैफिक जी जनार्दन ने बताया कि शिवपुरी, मुरैना, झाबुआ, सागर, छतरपुर, भोपाल ग्रामीण और इंदौर ग्रामीण जिलों ने अब तक समिति का गठन भी नहीं किया है। इन्हें रिमांइडर भेजा गया है।
योजना का उददेश्य
सड़क दुर्घटना में गभीर रूप से घायल व्यक्ति को गोल्डन अवर में जान बचाने के लिए अस्पताल/ट्रामा केयर सेंटर ले जाने वाले आम जनता को प्रोत्साहन एवं प्रेरणा देना है। कोई भी व्यक्ति जो गंभीर रूप से घायल व्यक्ति को की जान बचाता है इस अवार्ड के लिए पात्र होंगे।
... तो सभी में बंटेगी राशि
यदि एक व्यक्ति से अधिक के द्वारा घायल व्यक्ति की जान बचाता है तो उन्हें 5000 रुपए नगद प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। यदि एक से अधिक व्यक्ति एक व्यक्ति की जान बचाते हैं तो यह राशि समान रूप से सभी में बांटी जाएगी।
DGR विशेष
कागजों में गुड सेमेरिटन योजना - इंदौर और भोपाल में ... 4 महीने में एक भी 'नेक व्यक्ति' नहीं मिला
- 11 Mar 2022