पत्नी-बेटी ने ठुकराई, पूछा- जिम्मेदारों पर कार्रवाई कब; कलेक्टर बोलीं- उनकी गलती नहीं
शहडोल। शहडोल में पटवारी प्रसन्न सिंह की हत्या को एक महीने से ज्यादा बीत चुका है। परिजन को अभी भी इंसाफ का इंतजार है। पुलिस अब तक किसी पर आरोप तय नहीं कर पाई है और ना ही जिम्मेदार अधिकारियों पर कोई कार्रवाई की गई है। कलेक्टर वंदना वैद्य का कहना है कि उन्होंने ही अधिकारियों को पटवारियों की टीम को मौके पर भेजने के लिए कहा था। वहां सिर्फ निगरानी करनी थी, एक्शन नहीं लेना था। वहीं, प्रशासन ने परिवार को बीमे की रकम के अलावा 25 हजार का मुआवजा दिया। जिसे परिजन ने लेने से मना कर दिया। परिजन का ये कहना है कि उन्हें इंसाफ चाहिए ना कि पैसा।
कलेक्टर बोली- पटवारियों को भेजने के लिए मैंने ही कहा था
पटवारी प्रसन्न सिंह बघेल की पत्नी गुंजा देवी और बेटी दिया सिंह बीते एक महीने से कलेक्टर से मिलने की कोशिश कर रही थीं। दिनभर समय बिताने के बाद 6 जनवरी को शाम 6 बजे कलेक्टर से उनकी मुलाकात हो पाई।
परिजन की प्रशासन से कई मांगें थीं। इनमें जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई, प्रसन्न सिंह को शहीद का दर्जा और सरकारी मदद जैसी मांगें प्रमुख थीं। कलेक्टर ने परिजन से कहा कि शहीद का दर्जा दिलाने के लिए वो उच्च स्तर पर पत्र भेज चुकी हैं। अनुकंपा नियुक्ति की प्रक्रिया भी जल्द शुरू हो जाएगी। जहां तक आरोपियों पर कार्रवाई का सवाल है तो मामला न्यायालय में विचाराधीन है।
परिजन ने आरोपियों की संपत्ति की कुर्की और घर गिराने की भी मांग की थी। इसे लेकर कलेक्टर ने कहा कि ये कार्रवाई मैहर जिला प्रशासन कर सकता है, क्योंकि आरोपी मैहर के रहने वाले हैं। जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई के सवाल पर कलेक्टर ने कहा कि उन्होंने ही अधिकारियों को पटवारियों को भेजने के निर्देश दिए थे।
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कुचलकर मारे गए पटवारी के परिवार को 25हजार की सहायता
- 09 Jan 2024