नई दिल्ली। ठंड दस्तक दे रही है, तो कई लोगों को खांसी भी आएगी। इसके बाद दवा दुकानों पर चक्कर भी लगेंगे और आसानी से मिलने वाली ओवर दा काउंटर यानी OTC कफ सिरप घर पर आएगी। देश के कई आम घरों की यही कहानी है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि आसानी से मिलने वाली इन अधिकांश सिरप में कोडीन होता है, जिसमें आपको फायदे से ज्यादा नुकसान पहुंचाने की ताकत है। इतना ही नहीं यह लती भी बना सकती है। विस्तार से समझें।
कोडीन वाली कफ सिरप यानी CCS। अब यह शामिल ऐसी कई OTC कफ सिरप हैं, जिनकी 100 एमएल बोतल का असर 30 एमजी मॉर्फीन की गोली जितना होता है। अब मॉर्फीन क्या है? यह भी एक नार्कोटिक है और हेरोइन के वर्ग में शामिल है। तकनीकी तौर पर देखें, तो अफीम से तैयार होने वाला कोडीन लिवर में पहुंचने के बाद मोरफीन में बदल जाता है।
इसके छोटे डोज से ही व्यक्ति को नशा सा महसूस होने लगता है। दरअसल, कोडीन ब्रेन स्टेम के कफ सेंटर पर सीधा असर डालकर उन संकेतों को कमजोर कर देता है, जिनकी वजह से व्यक्ति खांसी के लिए तैयार होता है। हालांकि, कोडीन खांसी का बार-बार आना या अवधि को कम नहीं करता है। हमें लगता है कि सिरप से हमारी बेचैनी दूर हो रही है, लेकिन यह बहुत थोड़ी राहत देता है।
बाजार में CCS की संख्या 100 से ज्यादा है। इनमें Phensedyl या Corex की हिस्सेदारी सबसे ज्यादा है। सिरप के लती इन्हें सोडा के साथ मिलाकर पी लेते हैं। बाद में इनका असर बढ़ाने के लिए गर्म चाय या कॉफी का इस्तेमाल करते हैं। खास बात है कि यह सस्ता नशा करीब 75 रुपये में ही उपलब्ध हो जाता है। CCS के असर में चक्कर आना, बोलने में दिक्कत, भ्रम होना, हार्ट रेट बढ़ना, हाई ब्लड प्रेशर जैसी चीजें शामिल हैं।
चंडीगढ़ के पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च की तरफ से 1997 में की गई एक स्टडी के अनुसार, CCS में ओपिऑइड और क्लोर्फेनिरामाइन जैसे सिम्पैथोमिमैटिक एजेंट के मिलने से एक खास उत्साह जैसा असर हो सकता है। अब इसके साथ ही कम कीमत और आसानी से मिलना CCS का ड्रग के तौर पर इस्तेमाल होने का बड़ा कारण हो सकता है।
साभार लाइव हिन्दुस्तान
दिल्ली
कोडीन कफ सिरप क्यों हैं खतरनाक
- 01 Nov 2022