इंदौर । कान्ह सरस्वती नदी के स्टाप डेम पर स्लुज गेट (लोहे के गेट) लगाए गए हैं। इनका मेंटेनेंस पिछले दो वर्ष से नहीं हुआ है। ऐसे में बरसात का पानी रोकने में परेशानी हो सकती है। यह देखते हुए नगर निगम के अफसर अब जागे और गेट के संचालन संधारण का टेंडर जारी किया है। दरअसल, भोपाल की जिस ठेकेदार एजेंसी ने गेट लगाए, उसे ही मेंटेनेंस भी करना था। यह काम नहीं करने पर निगम ने एजेंसी को टर्मिनेट कर दिया है।
कान्ह सरस्वती नदी सालभर लबालब रहे, इसके लिए स्टाप डेम बनाए गए हैं। पानी रोकने के लिए इन डेम पर स्लुज गेट लगाए गए हैं। इनका संचालन संधारण पिछले दो वर्ष से नहीं हुआ है। निगम जल यंत्रालय एवं ड्रेनेज विभाग ने भोपाल की जिस ठेकेदार एजेंसी एक्सल इंजीनियरिंग को गेट लगाने का ठेका दिया था, लेकिन उसने यह काम है। नहीं किया जबकि टेंडर शर्त में गेट का मेंटेनेंस शामिल था। इस काम को करने के लिए निगम के अफसरों ने कई बार कहा पर ठेकेदार एजेंसी ने नहीं किया। इस पर ठेकेदार एजेंसी को टर्मिनेट कर दिया है। हालांकि कान्ह सरस्वती नदी के स्टाप डेम पर इंदौर के ठेकेदारों ने भी गेट लगाए, मगर गेट के मेंटेनेंस करने की शर्त शामिल नहीं थी।
दो वर्ष के लिए दिया जाएगा ठेका
टर्मिनेट करने के चलते बरसात के दिनों नें दिक्कत न हो जाए। इसके लिए निगम जल यंत्रालय एवं ड्रेनेज विभाग के अफसर अब जागे और गेट का संचालन संधारण कराने के लिए टेंडर जारी कर दिए हैं। इसके अनुसार दो वर्ष के लिए ठेका दिया जाएगा और 24 लाख रुपए से ज्यादा खर्च किए जाएंगे। मालूम हो कि निगम ने कान्ह सरस्वती नदी के साथ 6 बड़े नालों सहित छोटे नालों में घरेलू और अन्य स्त्रोत से गिरने वाले ड्रेनेज के गंदे पानी को रोकने का काम नाला टेपिंग के जरिए किया। ड्रेनेज के आउट फाल्स बंद होने से जहां कान्ह सरस्वती नदी सहित नाले सूख गए, वहीं नदी में सालभर पानी भरे रहने का दिखाया सपना भी टूट गया। बरसात के दिनों में ही नदी-नाले लबालब नजर आते हैं। बारिश थमते ही इनमें पानी कम और गाद- कचरा ज्यादा नजर आती है। पानी नहीं रुकने की एक बड़ी वजह नदी-नालों पर पर्याप्त स्टाप डेम का नहीं होना है। जो पहले से बने है, उनके गेट बंद करने के बजाय खोल रखें है, इस कारण पानी रुकने के बजाय वह बह जाता है।
यहां लगे हैं गेट
कान्ह सरस्वती नदी पर स्लुज गेट अवासा, अमितेष नगर, गुरू नानक कॉलोनी, आजाद नगर, जगन्नाथ पुल (छावनी), गणगौर घाट, निगम मुख्यालय के सामने शिवाजी मार्केट के पीछे, गुजराती कॉलेज, जूनी इंदौर अंडर ब्रिज, चंद्रभागा और राजेंद्र नगर सहित 15 जगहों पर बने है।
इंदौर
कान्ह नदी के स्टाप डेम पर स्लुज गेट का संचालन दो साल से बंद ... बारिश में पानी रोकने में आएंगी परेशानी
- 03 Jul 2023