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इंदौर

कान्ह नदी कहीं साफ, कहीं गंदी, नदी में कई जगह जलकुंभी उगी

  • 13 Jul 2021

इंदौर। खान नदी पूरी तरह साफ होगी या नहीं कहना मुश्किल है। 1962-1965 के दौर तक साफ पानी के प्रवाह वाली खान नदी को अस्सी के दशक में नाला बनाकर छोड़ दिया। सडांध मारती नदी की दशा पिछले डेढ़ दो साल में सुधरी है लेकिन पूरी तरह कब सुधरेगी कहना मुश्किल है। देवास घाट पुल से भागीरथपुरा तक इस नदी का स्वरूप खराब है। जवाहर मार्ग संजय सेतु से चंद्रभागा तक जलकुंभी की बाढ़ है। लालबाग से छत्रीबाग तक नदी के किनारों को सुंदर बनाया गया है लेकिन पानी साफ नहीं हो सका है। इंदौर में खान नदी का स्वरूप साठ के दशक में बहुत अच्छा था। गणगौर घाट के पास हाथी डूब पानी में हाथी अठखेलियां करते थे। बच्चे बारिश के दिनों में किले के पुल की मोरियों में छत्रियां लगाकर मछली पकड़ते थे। अब वैसे दिन लौटना मुश्किल है।
खान नदी में साफ भरपूर पानी होने पर एक-एक किलोमीटर दूर तक के कुंए बावडिय़ों में पानी की आव बढ़ जाती है। सुंदरलाल पटवा के राज के नब्बे के दशक में जब नदी में पानी भरकर नावें चलाई गई थी तब श्रीकृष्ण टॉकिज के पास कुए का जलस्तर बढ़ गया था। खान नदी का जूनी इंदौर श्मशान वाला भाग भी अभी बदहाल है। नियमानुसार नदी के दोनों तरफ पचास से सौ फुट तक बसाहट नहीं होना चाहिए। बसाहट की वजह से गंदगी फैलती है। नंदलालपुरा सब्जी मंडी वाले अब भी सब्जी फल का कचरा खान नदी में डालकर उसे गंदा करते हैं। दिन में नगर निगम प्रशासन सख्ती रखता है तो रात में कचरा डालकर नदी में गंदगी फैलाई जाती है।