इंदौर। क्राइम ब्रांच की साइबर सेल ने 15 लोगों को लाखों की राहत दी है। बैंक अफसर बन खातों से निकाले रुपये आवेदकों को लौटाए। पुलिस अब उन खातों और नंबरों की भी जांच कर रही है जिनमें ठगी की राशि ट्रांसफर हुई थी।
डीसीपी (अपराध) निमिष अग्रवाल के मुताबिक, बंगाल, झारखंड, बिहार, दिल्ली और मेवात से चल रहा गिरोह देशभर में ठगी करता है। पिछले दिनों 15 आवेदकों द्वारा साइबर सेल की हेल्प लाइन नं. 7049124445 पर ठगी की शिकायत मिली थी। टीम ने तत्काल कार्रवाई करते हुए उन खातों को फ्रीज करवा दिया जिनमें ठगी के रुपये ट्रांसफर हुए थे।
केस-1
कास्मेटिक व्यापारी फारुख से फर्जी आइसीआइसीआइ बैंक के अधिकारी ने संपर्क किया। आरोपित ने कहा कि बैंक की तरफ से नया क्रेडिट कार्ड जारी किया गया है। उसने ओटीपी सत्यापन का झांसा दिया और फारुख के खाते से 90 हजार रुपये निकाल लिए।
केस-2
कंप्यूटर आपरेटर दर्शनसिंह को भी आइसीआइसीआइ बैंक के फर्जी कस्टमर केयर अफसर का काल आया था। आरोपित ने लिमिट बढ़ाने के संबंध में चर्चा की और दर्शन के खातें से 55 हजार 876 रुपये निकाल लिए।
केस-3
शिकायतकर्ता चंदा देवी के खाते से 87 हजार रुपये निकल गए थे। आरोपित ने एसबीआइ की तरफ से काल किया और कहा कि क्रेडिट कार्ड एक्टिव करने की प्रक्रिया के बारे में बात की। चंदा से ओटीपी नंबर लेकर खाते से रुपये निकाल लिए।
अनजान नंबरों से आने वाले काल पर जानकारी साझा न करें। बैंक व बैंक अफसर कभी ओटीपी नहीं लेते। आवेदक ठगी की घटना होते ही साइबर सेल व क्राइम ब्रांच से संपर्क करें।
-निमिष अग्रवाल, डीसीपी अपराध
इंदौर
क्राइम ब्रांच ने ठगी का शिकार हुए लोगों को सात लाख रुपये लौटाए
- 20 Oct 2023