इंदौर. प्रदेशभर के निजी मेडिकल काॅलेज में पीजी कोर्स कर रहे ऐसे छात्रों की मुसीबत बढ़ सकती है, जिन्होंने हाई कोर्ट में अधिक फीस वसूले जाने को लेकर याचिका दायर की थी और स्थगन हासिल कर रखा है। हाई कोर्ट की डिविजन बेंच ने 50 छात्रों की एक याचिका खारिज करते हुए उन पर 50 हजार रुपए की कास्ट भी लगाई है। कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए कहा है कि छात्रों ने हाई कोर्ट को गुमराह कर स्थगन हासिल किया है।
जस्टिस संजय यादव, जस्टिस अतुल श्रीधरन की खंडपीठ ने स्थगन समाप्त करते हुए कास्ट भी लगाई है। निजी मेडिकल कॉलेजों में फीस वृद्धि के संबंध में प्रवेश विनियामक आयोग एवं अपीलीय आयोग द्वारा निर्णय लिए जाते हैं। सत्र 2019-20 में एलएन मेडिकल कॉलेज में पीजी कोर्स मैं प्रवेशित हुए 50 से अधिक छात्रों द्वारा उच्च न्यायालय में दिसंबर 2019 में याचिका दायर की गई। याचिका में कहा गया कि प्रवेश के 8 माह पश्चात एक पक्षीय तरीके से फीस वृद्धि कर दी गई, जोकि उनको बिना सुने, उनको बिना जानकारी दिए एवं बिना पक्ष रखने का मौका दिए बढ़ा दी गई।
हाई कोर्ट द्वारा छात्रों को अंतरिम राहत प्रदान करते हुए निजी मेडिकल कॉलेज द्वारा छात्रों से फीस वसूलने पर रोक लगा दीI इसके पश्चात कॉलेज द्वारा अधिवक्ता सिद्धार्थ राधेलाल गुप्ता के जरिए कोर्ट को अवगत कराया गया कि छात्रों द्वारा याचिका में महत्वपूर्ण तथ्य एवं विशेष दस्तावेज छुपाए गए, एवं उनका विवरण जानबूझकर नहीं दिया गया। पूर्व में पारित फीस विनियामक आयोग के उन फैसलों का जिक्र किया गया, जिनमें स्पष्ट आदेश था कि सभी छात्रों द्वारा देय फीस पूर्णत: अंतिम नहीं है। वह फीस न्यायालय में लंबित अपीलीय याचिकाओं के अंतिम आदेश एवं परिणाम पर निर्भर रहेगी। यह भी कहा गया कि सभी छात्रों द्वारा स्वयं 100 रुपए के नोटराइज्ड स्टांप पेपर पर अंडरटेकिंग दी गई थी कि वह सभी बढ़ी हुई फीस को मानेंगे एवं उसको किसी भी न्यायालय में किसी भी परिस्थिति में चुनौती नहीं देंगे। उल्लेखनीय है कि इंडेक्स मेडिकल काॅलेज के 70 छात्रों ने भी इसी तरह का स्थगन हाई कोर्ट से रखा है।
इंदौर
कोर्ट ने पीजी के छात्रों याचिका खारिज की, कहा-हाई कोर्ट को गुमराह कर स्थगन हासिल, 50 हजार रुपए की कास्ट भी लगाई
- 06 Feb 2020