इंदौर। लाख प्रयास के बाद भी कोविड की तीसरी लहर आ गई। भारी भरकम केस के बाद लॉक डाउन की आंशका बढ़ गई है। फरवरी में क्या होगा? यह बड़ा प्रश्न बन गया है। लोग घबरा रहे हैं। ऐसे में शहर में वे लोग जो पत्नी पति अकेले हैं। या जिनके यहां कोई नहीं है वे गांव जाने लगे हैं। कई लोग आसापास के गांव तो कोई बंगाल, राजस्थान तो कोई यूपी-बिहार जाने लगा। कई लोग कुछ किमी आस पास स्थित अपने गांव चले गए। अब वे दो-तीन माह बाद ही लौटेंगे।
रामलाल गुहा का यूपी में पुश्तैनी मकान है। वे वहां रहने जा रहे हैं। उन्ही की तरह आनंद गोटू भी इंदौर में कोरोना संक्रमण के खतरनाक हालात के कारण पिछली बार भी अपने राजस्थान के गांव चले गए थे। इस बार भी तैयारी में हे। वैसे हमारे शहर में ऐसे सैकड़ों परिवार हैं जो फिलहाल गांवों में जाने को तैयार हैं। दरअसल किसी के गांव में बुजुर्ग माता- पिता तो किसी का काका बाबा या ताऊ-ताईजी रहते हैं। वे अब उनके पास जाकर रहने को तैयार है। कुछ परिवार हैं, जिनका गांव में खुद का घर है। लेकिन वे नौकरी के कारण यहां थे। अब वापस जाने का मन बना रहे हैं। कई परिवारों का कहना है कि हालात सुधरने पर वे वापस लौट आएंगे।
राजीव पाल कहते हैं हमारा बड़ा गांव है। वहां बहुत कम घर हैं। कोई खतरा नहीं है। घर की छत पर चूल्हे पर खाना पकता है। फिर सब वहीं साथ खाते हैं। रात में छत पर ही सोते हैं। अनिल गोविंद कहते हैं कि खतरा बढ़ रहा है। अस्पतालों में जगह की कमी हो सकती हैं इसलिये हम चंडीगढ़ में जो गांव में पुराना घर है, वहीं रहेंगे अब हमें गांव में बुजुर्ग माता-पिता के साथ सालों बाद रहने का मौका मिलेगा।
इंदौर
कोरोना का डर, लौटने लगे लोग
- 14 Jan 2022