इंदौर। कोरोना की तीसरी लहर का अंदेशा बना हुआ है और गंभीर बीमर लोगों को अस्पताल में कोरोना का डर सता रहा है । ऐसे में एंजियोप्लास्टी के ही दिन मरीज की अस्पताल से छुट्टी कर दी गई है।
अपोलो हॉस्पिटल्स, इंदौर ने पहली बार डे केयर या सेम डे डिस्चार्ज करके एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की। यह प्रक्रिया 69 वर्षीय पुरुष के इलाज के दौरान की गई। डे केयर यानि एक ही दिन में प्रक्रिया पूरी कर मरीज को डिस्चार्ज देने पर समय और पैसों की बचत होती हैं।
मरीज राधावल्लभ टाँक की कोरोनरी नस में ब्लॉकेज था, जिससे उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही थी, और छाती में भारीपन था। इस ब्लॉकेज को हटाने के लिए उन्हें एंजियोप्लास्टी की सलाह दी गई थी। अलोपो अस्पताल की सीनियर कंसल्टेंट डॉ सरिता राव ने कहा, महामारी से लड़ते हुए अस्पताल में बिस्तरों की कमी के कारण दुनिया भर में लाखों लोगों को परेशानी के दौर से गुजरना पड़ा। हमें यह सोचने पर मजबूर कर दिया हैं कि भविष्य में ऐसी स्थितियों से बचने के लिए हम क्या कर सकते हैं। मरीजों का जल्दी से उपचार कर उन्हें डिस्चार्ज करके हम अस्पतालों में बिस्तरों और अन्य सुविधाओं को अधिक मरीजों के लिए उपलब्ध करा सकेंगे। कार्डियोलॉजी विभाग के वरिष्ठ सलाहकार और प्रमुख डॉ. रोशन राव ने कहा, रोगी की सुरक्षा हमेशा सर्वोच्च प्राथमिकता रही है और हमेशा रहेगी। हम वैकल्पिक कम जोखिम वाले पीसीआई करवाने वाले मरीजों को उनकी स्थिति के अनुसार उसी दिन डिस्चार्ज करने या फिर रात भर के अवलोकन के लिए अस्पताल में रखने का निर्णय लेते हैं।
इंदौर
कोरोना को देखते हुए एक ही दिन मेंं एंजियोप्लास्टी के बाद डिस्चार्ज
- 21 Dec 2021