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इंदौर

कोरोना को ध्यान में रखते हुए नियमानुसार ही होगा रावण दहन

  • 09 Oct 2021

मेंले का आयोजन नहीं, अधिकारियों से नियम समझेंगें आयोजक
इंदौर। शहर में रावण दहन की अनुमति को लेकर चल रही उहापोह की स्थिति गुरुवार देर शाम तब स्पष्ट हो गई जब जिला प्रशासन ने अपनी गाइड लाइन जारी की। इसमें रावण की ऊंचाई को लेकर कोई बंध नहीं है लेकिन एक बिंदु को लेकर पेंच की स्थिति है। गाइड लाइन के तहत रावण दहन के पूर्व श्रीराम का चल समारोह प्रतीकात्मक होगा। राम लीला व रावण दहन के कार्यक्रम खुले मैदान में मास्क तथा सोशल डिस्टेसिंग की शर्त पर होंगे। इसके लिए आयोजन समिति द्वारा संबंधित क्षेत्र के रऊट से अनुमति लेनी होगी। इसमें 50 फीसदी क्षमता तक लोग शामिल हो सकेंगे। खास बात यह कि बड़े रावण दहन स्थल जहां उसका स्वरूप मेले जैसा होता है, की अनुमति नहीं होगी। ऐसे में बड़े रावण दहन स्थलों को लेकर आयोजक असमंजस में है। दरअसल, जिले में सभी मध्यम व बड़े रावण स्थलों पर तो मेले जैसी स्थिति तो बनती ही है। ऐसे में आयोजक रावण दहन चैनल पर लाइव दिखाकर भीड़ नियंत्रित करेंगे ताकि मैदान में सोशल डिस्टेंसिंग बने रहे। ऐसे ही खानपान की दुकानें मैदान में नहीं लगने दी जाएगी ताकि मेले जैसी स्थिति नहीं बने।
शहर के सबसे बड़े दशहरा मैदान में सालों से सबसे ज्यादा भीड़ जुटती है। यहां जिला प्रशासन की गाइड लाइन के पहले ही 111 फीट रावण बनना शुरू हो गया था। समिति के अध्यक्ष सत्यनारायण सलवाडिया ने बताया कि प्रशासन की गाइड लाइन का पालन करेंगे और श्रीराम का चल समारोह भी प्रतीकात्मक निकालेंगे लेकिन हर रावण दहन स्थल पर मेले जैसी स्थिति तो निर्मित होती ही है। दशहरा मैदान बड़ा होने से लोग ज्यादा लोग आते हैं और खान-पान, गुब्बारे, खिलौने, सोना पत्ती सहित कई छोटी-छोटी दुकानें गाउण्ड के अंदर व बाहर सजती हैं जिससे मेले जैसा माहौल होता है। इन छोटे व्यवसायियों के लिए यह एक दिन रोजीरोटी का जरिया होता है। मैदान में कोरोना प्रोटोकॉल का उल्लंघन न हो और सोशल डिस्टेसिंग बनी रही इसके लिए इस बार चैनल पर रावण दहन लाइव दिखाएंगे ताकि भीड़ कम रहेंगे। ऐसे ही मेले जैसी स्थिति नहीं बनने दी जाएगी, इसके लिए छोटे व्यवसायियों को मैदान के अंदर दुकानें नहीं लगाने दी जाएंगी।
गाइड लाइन पालन के साथ वाटरप्रूफ रावण
उधर, चिमनबाग मैदान दशहरा उत्सव समिति के अध्यक्ष अनिल यादव व संयोजक (हाई कोर्ट एडवोकेट) अरविंद यादव ने बताया कि रावण दहन स्थल से जुड़ा सरकारी नूतन स्कूल का भी मैदान है। इससे जगह काफी ज्यादा है। फिर भी गाइड लाइन का पूरी तरह से पालन किया जाएगा। इस बार रावण 51 फीट ऊंचा होगा व मेले जैसी स्थिति न बने इसके लिए पिछले साल से ही व्यवस्था जमा ली गई थी। सारे छोटे विक्रेताओं को मैदान के सबसे पिछले हिस्से के बाहर जगह उपलब्ध कराई गई थी ताकि मैदान में मेले जैसी स्थिति न बने। इस बार भी ऐसी ही फॉमूर्ला अपनाकर व्यवस्था बरकरार रखी जाएगी। चूंकि इस बार बारिश का कोई भरोसा नहीं है, इसके चलते वाटरप्रूव रावण का निर्माण किया जा रहा है।