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कोरोना के बाद जीका वायरस का खतरा, पुणे जिले में पहला केस आने के बाद स्वास्थ्य विभाग अलर्ट

  • 10 Aug 2021

पुणे. महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के खतरे के बाद अब जीका वायरस का भी खतरा मंडरा रहा है. पुणे जिले में जीका वायरस का पहला केस सामने आने के बाद से ही प्रशासन अलर्ट मोड पर है. जिला प्रशासन ने 79 गांवों में जीका वायरस के दस्तक की आशंका जाहिर की है. स्वास्थ्य विभाग ने इन गांवों में इमरजेंसी सेवाओं के लिए तैयारी कर ली है. 
दरअसल पुणे के बेलसर गांव में जीका वायरस का पहला मरीज मिला था. पहला केस सामने आने के बाद से ही महाराष्ट्र का स्वास्थ्य विभाग सतर्क हो गया. पुणे जिले के डीएम ने अधिकारियों के साथ मीटिंग बुलाई जिसके बाद सभी ग्राम पंचायतों और स्थानीय प्रशासन को अलर्ट कर दिया. ये सभी गांव जीका वायरस संक्रमण के लिए अतिसंवेदनशील हैं.
कलेक्टर डॉक्टर राजेश देशमुख ने इन गांवों की लिस्ट भी जारी की है. जीका, डेंगू और चिकनगुनिया जैसी बीमारियां हैं. यही वजह है कि जिला कलेक्टर राजेश देशमुख ने कहा कि जिले के वे गांव जो पिछले तीन वर्षों में लगातार डेंगू और चिकनगुनिया से प्रभावित हुए हैं, उन्हें जीका संक्रमण के लिए अतिसंवेदनशील माना जाए.
अलर्ट पर है स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन 
अगर पुणे जिले के 79 गांवों में डेंगू और चिकनगुनिया जैसी बीमारियां पाई जाती हैं, तो इन्हें जीका के लिए संवेदनशील माना जाएगा. संवेदनशील घोषित किए गांव में डेंगू और चिकनगुनिया के मरीज अगर सामने आते हैं तो उनके खून के सैंपल लिए जाएंगे, जिनका जीका संक्रमण का टेस्ट होगा. ग्राम पंचायत स्तर पर, जिला प्रशासन ने तालुका प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को तत्काल उपाय लागू करने के निर्देश दिए हैं.
कैसे फैलता है जीका वायरस?
जीका वायरस एडीज मच्छरों से फैलता है. ये मच्छर डेंगू और चिकनगुनिया फैलाते हैं. ऐसे मच्छर महाराष्ट्र के साथ पूरे देश में बड़ी संख्या में पाए जाते हैं. यही मच्छर जीका वायरस को फैला सकते हैं. इसके लिए निवारक उपायों को प्रभावी ढंग से लागू करने की जरूरत है. जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग मिलकर एकीकृत कीट प्रबंधन पर जोर देगा.

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