भोपाल। अस्पतालों की ओपीडी में पहुंचने वाला हर तीसरा मरीज सर्दी-जुकाम और बुखार से पीडि़त है, पर मध्य प्रदेश में प्रतिदिन कोरोना की जांच कराने वाले दो सौ भी नहीं हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने सभी राज्यों को पत्र लिखकर हर पाजिटिव सैंपल की जीनोम सीक्वेंसिंग कराने को कहा है, लेकिन प्रदेश में रोजाना जांच का आंकड़ा कई दिन सौ तक भी नहीं पहुंच रहा है। ऐसे में सभी पाजिटिव सैंपल की सीक्वेंसिंग कराने के बाद भी नए वेरिएंट का पता लगाना मुश्किल हो जाएगा।
कोरोना के नए सब वेरिएंट बीएफ-7 से चीन समेत कई देशों में मरीज बढऩे के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को समीक्षा बैठक की। उन्होंने कहा कि चिंता नहीं करें पर सतर्क रहें। उधर, प्रदेश में गुरुवार को 127 सैंपलों की जांच में कोई संक्रमित नहीं मिला है।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि पूरी तैयारी रखें। आक्सीजन प्लांटों की माकड्रिल कराएं। दवाओं की पर्याप्त व्यवस्था रखें। जिन्होंने सतर्कता डोज नहीं लगवाई वह लगवा लें। उधर विशेषज्ञों का कहना है कि ज्यादा से ज्यादा जांच, जीनोम सीक्वेंसिंग, टीकाकरण और सावधानी ही कोरोना से बचाएगी।
उनका यह भी कहना है कि भारत में मरीज बढऩे के बाद भी बीमारी गंभीर नहीं होगी। गांधी मेडिकल कालेज भोपाल के छाती व श्वांस रोग विभाग के प्रमुख डा. लोकेन्द्र दवे ने कहा कि चीन में कोहराम मचा रहे ओमिक्रोन के सब वेरिएंट बीएफ-7 को लेकर बिल्कुल भी घबराने की जरूरत नहीं है। प्रदेश में 95 प्रतिशत से ज्यादा लोगों को कोरोनारोधी टीके की दोनों डोज लगी हैं। तीसरी लहर में बड़ी संख्या में लोगों के संक्रमित होने की वजह से प्राकृतिकतौर पर बीमारी के प्रति प्रतिरोधक क्षमता है।
बंद है औचक सैंपलिंग
स्वास्थ्य विभाग के हेल्थ बुलेटिन के अनुसार कई जिलों में एक भी संदिग्ध जांच कराने नहीं जा रहा है। विभाग ने रेलवे स्टेशनों तक में औचक जांच की व्यवस्था नहीं की है। हालांकि, यह अच्छी बात है कि प्रदेश में प्रतिदिन मिलने वाले संक्रमितों की संख्या दो से कम ही है। सैंपलों की संख्या बढ़ाने से संक्रमितों का आंकड़ा भी बढ़ेगा। बता दें कि तीसरी लहर के बाद भी प्रदेश में हर दिन 25 हजार सैंपल लेने का लक्ष्य स्वास्थ्य संचालनालय ने रखा था, पर मरीज कम होने पर लोगों ने भी लापरवाही शुरू कर दी और स्वास्थ्य विभाग ने भी सैंपलों की संख्या बढ़ाने पर जोर नहीं दिया।
अब गंभीर नहीं होगा कोरोना का संक्रमण
एम्स भोपाल के पूर्व निदेशक और देश के जाने-माने वायरोलाजिस्ट डा. सरमन सिंह ने कहा कि भारत में नए वेरिएंट का ज्यादा असर नहीं होगा। थोड़े-बहुत मरीज बढ़ेंगे भी तो गंभीर नहीं होंगे। यह जरूर कहूंगा कि जिन्होंने टीका नहीं लगवाया है वह लगवा लें। ज्यादा से ज्यादा पाजिटिव सैंपलों की जीनोम सीक्वेंसिंग हो। यह तभी हो सकता है जब जांचों की संख्या बढ़ाई जाए।
केंद्र सरकार से कोविशील्ड के पांच लाख डोज की मांग की
मध्यप्रदेश के लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डा. प्रभुराम चौधरी ने कोरोनारोधी वैक्सीन कोविशील्ड की पांच लाख डोज उपलब्ध कराने की मांग केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मांडाविया से की है। केंद्रीय मंत्री ने इस पर तुरंत निर्णय लेने की बात कही है। वह सभी राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ कोरोना से निपटने की तैयारियों को लेकर वीडियो कांफ्रेंसिंग कर रहे थे। बता दें कि प्रदेश में कोविशील्ड वैक्सीन उपलब्ध नहीं होने की वजह से लोगों को सतर्कता डोज नहीं लग पा रही है। पहली और दूसरी डोज लगवाने के लिए भी लोग परेशान हो रहे हैं। इसके विकल्प के तौर पर लगाई जाने वाली कार्बोवैक्स वैक्सीन भी नहीं है। कोवैक्सीन के एक लाख डोज जरूर उपलब्ध हैं। बता दें कि प्रदेश में 18 साल से ऊपर के 98.5 प्रतिशत लोगों को दोनों डोज लग चुकी हैं। मांडाविया ने मध्य प्रदेश समेत सभी राज्यों में कोरोना से बचाव और उपचार के लिए उपलब्ध संसाधनों का 27 दिसंबर को माकड्रिल करने को कहा है। इसमें आक्सीजन प्लांट, वेंटिलेटर सहित अन्य उपकरणों को चला कर देखा जाएगा। डा. प्रभुराम चौधरी ने केंद्रीय मंत्री को आश्वस्त किया कि केंद्र ने कोरोना के नए सब वेरिएंट बीएफ-7 को लेकर जो दिशा निर्देश जारी किए हैं उनका पालन किया जा रहा है।
भोपाल
कोरोना : रोज दो सौ सैंपल भी नहीं, मुख्यमंत्री ने तैयारी रखने के दिए निर्देश
- 24 Dec 2022