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इंदौर

क्षमा मांगने वाला कभी बड़ा छोटा नहीं होता। समाजसेवी प्रवीण जैन

  • 10 Sep 2024

देपालपुर । पर्यूषण पर्व तप करने का पर्व है। सात दिन के बाद ही क्षमावाणी पर्व आता है। भगवान महावीर ने कहा कि हर जीव को क्षमा मांगना चाहिए। क्षमावाणी पर्व केवल साधुओं के लिए नहीं है, यह सबके लिए है। शरीर के प्रति लगाव रखते हुए हर जीव को आराधना करने का अधिकार पर्याप्त हैं। जैन समाज में तप आवश्यक है। कोई भी छोटा-बड़ा नहीं है। माफी मांगने वाला बड़ा होता है। उक्त उद्गार पूर्व पार्षद प्रवीण जैन ने नगर के कपड़ा व्यवसाई सिरेमल चौधरी के द्वारा आयोजित क्षमावाणी पर्व में कहे । उन्होंने कहा कि भगवान महावीर की शिक्षा को जीवन में उतारना अनिवार्य है। जैन ने बताया कि हमें अपने छोटे या बड़े सभी से क्षमा मांगना चाहिए। क्षमावाणी पर्व पर दोस्तों, संबंधियों से पहले हमें शत्रुओं से क्षमा मांगना चाहिए। पर्यूषण पर्व हमारे जीवन में संवेदनशीलता, दया, क्षमा और मानवता जगाने का पर्व है। क्षमा याचना मन से होनी चाहिए। जब तक मन की कटुता दूर नहीं होती, तब तक क्षमावाणी पर्व का कोई अर्थ नहीं है।  पर्युषन पर्व की समाप्ति पर समाज बंधुओं ने वर्ष भर में की गई किसी भी भूल चूक को लेकर एक दूसरे के घर जाकर क्षमायाचना की  युवाओं में क्षमावाणी पर्व को लेकर काफी उत्साह था ,युवा जहां बुजुर्गों के चरण स्पर्श कर क्षमा मांग रहे थे वही बराबरी वालो से गले मिल रहे थे । जैन समाज के प्रत्येक घरों से घर आने  वालों को प्रभावना बांटी जा रही थी। जैन द्वारा आयोजित क्षमा वाणी पर्व मे बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि, अधिकारी गण, नगर के गणमान्य नागरिक और नगरवासी भी शामिल हुवे।