भिंड। जिले में इन दिनों खाद का संकट किसानों के सामने गहराया हुआ है। खेतों में फसल खड़ी हुई है। अच्छी बारिश की वजह से खेतों में फसल लहलहा रही है। इधर विपणन साख संस्थाओं पर किसान दिनभर कतार में खड़े रहते है। इसके बावजूद शाम को कई किसानों को खाली हाथ लौटना पड़ रहा है। मंगलवार की देर शाम को कई किसान एक बार फिर से बायपास रोड स्थित विपणन संस्था से मायूस होकर लौटे।
सोसाइटी के गोदाम में डीएपी का स्टॉक खत्म हो गया। यहां तीन से चार बोरी पड़ी रह गई। संस्था के इंचार्ज ने नाथू शर्मा से किसानों ने खाद को लेकर जब पूछा तो उन्होंने कह दिया कि आज खत्म हो गया। कल आना। जब स्थानीय मीडिया कर्मियों द्वारा खाद की उपलब्धता की जानकारी ली गई तो पर्याप्त यूरिया होने की बात कही गई। वहीं, डीएपी अभी 11 टन होना बताया गया। इस तरह से किसानों को भ्रमित करके परेशान किया जा रहा है।
खाद के लिए सुबह से करते इंतजार
इधर, रूर निवासी किसान दीपू यादव ने बताया कि वो सुबह नौ बजे से मंगलवार को लेन में लगकर खाद का इंतजार कर रहे थे। शाम के समय जब मेरा नंबर आया तो खाद खत्म होने की जानकारी दी गई। इसी तरह से बबेड़ी गांव के किसान मनोज सिंह ने बताया कि फसल में पांच बोरी खाद की जरूरत है। दो बोरी दे रहे है। सुबह से भूखे प्यासे लेन में खड़े रहते है तब कही किसी को दो बोरी तो किसी को तीन बोरी ही मिल रही है।
जिले के 56 गोदाम में पर्याप्त है खाद
इस पूरे मामले में विपणन सोसाइटी के प्रबंधक अमित गुप्ता का कहना है कि खाद की उपलब्धता पर्याप्त है। जिले के 56 गोदामों में खाद को रखवाया गया है। इसके अलावा खाद की उपलब्धता बनाए रखने के लिए नई रैक मंगाई जा रही है। गुरुवार की सुबह तक एक हजार मैटिक टन यूरिया खाद मंगाया जाएगा। सरसों की बुवाई के लिए खाद की कमीं नहीं आने दी जाएगी।
जिले में 7 हजार 5 सौ 77 मेट्रिक टन खाद
खाद के संकट को लेकर जिला प्रशासन द्वारा जानकारी दी गई। जिले में खाद की उपलब्धता 7 हजार 5 सौ 77 मेट्रिक टन खाद है। जिसमें यूरिया-5424, डीएपी- 366,एनपीके- 884,एमओपी-118, एसएसपी- 785 मैट्रिक टन सहाकारी व निजी संस्था के गोदामों कें उपलब्ध है।
भिण्ड
किसानों के सामने गहराया खाद का संकट
- 22 Sep 2021