अगहन महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मोक्षदा एकादशी कहते हैं। इस एकादशी के बारे में कहा जाता है कि इस व्रत को रखने वाले को मोक्ष की प्राप्ति होती है। मार्गशीर्ष महीने के शुक्ल पक्ष की मोक्षदा एकादशी का व्रत करने से जीवन के सभी पाप समाप्त होते हैं। इस दिन जो व्रत रखता है, उसके पूर्वजों को भी इससे मोक्ष मिलता है। इसलिए ये मोक्ष देने वाला व्रत माना जाता है।
इस बार एकादशी तिथि को लेकर कंफ्यूजन है। दरअसल इस बार एकादशी शनिवार को सुबह 8 बजे शुरू हो जाएगी और फिर रविवार को सुबह 7 बजे तक रहेगी। लेकिन विद्वानों के मुताबिक व्रत और पूजा 4 तारीख को ही करनी चाहिए।
ऐसा कहा जाता है कि मोक्षदा एकादशी व्रत रखने वालों को आखिरी यात्रा में खुद भगवान विष्णु गरुड़ पर सवार होकर लेने आते हैं। इसलिए कहा जाता है कि इस दिन स्वर्ग के द्वार खुले होते हैं। इस दिन की खासियत इस दिन गीता जयंती होने से और भी अधिक शुभ है। गीत जंयती होने से इस दिन भगवान कृष्ण के गीता के पाठ होते हैं।
बाबा पंडित
कब रखेंगे मोक्षदा एकादशी का व्रत, 3 दिसंबर या 4 दिसंबर
- 01 Dec 2022