नई दिल्ली. नेपाल की रहने वाली 16 साल की उमा तमांग (बदला हुआ नाम) कुछ महीने पहले तक अपने शहर पोखरा में एक कैफे में काम कर रही थी. इसी दौरान फेसबुक के जरिए आयुष आर्यन नाम के एक शख्स से उमा की दोस्ती हो गई. आयुष ने जब ये जाना कि उमा को पैसे की जरूरत है तो उसे भारत में अच्छी नौकरी की पेशकश की. आयुष ने उमा से कहा कि वो उसे एक ब्यूटी पार्लर में नौकरी दिलाएगा जिससे उसे हर महीने 30 हजार रुपये मिलेंगे. आयुष की बातों में आकर उमा भारत आ गई और सेक्स वर्क के दलदल में फंस गई.
उमा ने बताया कि उन्हें लगा अच्छी नौकरी मिलने से उनके परिवार की स्थिति सुधर जाएगी इसलिए वो भारत चली आईं. काठमांडू पोस्ट से बातचीत में उन्होंने कहा, 'मैं उत्साहित थी. मेरी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है और मैं इसी कारण अपनी 10वीं की पढ़ाई भी पूरी नहीं कर पाई थी. इसलिए जब उसने मुझे दिल्ली में नौकरी देने की पेशकश की, तो मैंने उस पर भरोसा किया. उसने कहा कि वो हर महीने मुझे तीस हजार रुपये दिलाएगा.'
आयुष के बताए अनुसार, उमा पोखरा से काठमांडू गई जहां उसकी मुलाकात एक महिला से हुई जो उसे दिल्ली ले जाने वाली थी. उमा ने बताया, 'उसके साथ दो और लड़कियां थीं. हम सभी को एक साथ दिल्ली के लिए निकलना था.'
दिल्ली पहुंचने पर उमा को एक फ्लैट में ले जाया गया जहां पहले से ही बहुत सी नेपाली लड़कियां थीं. लड़कियों ने उसे बताया कि उसे ब्यूटी पार्लर में नौकरी के लिए नहीं बल्कि सेक्स वर्क के लिए दिल्ली लाया गया है.
उमा ने बताया, 'जब मैंने यह सुना तो सबसे पहले मेरे दिमाग में आया कि मैं वहां से कैसे भाग जाऊं. लेकिन मुझे वहां से बच निकलने का कोई रास्ता नहीं मिला. उस फ्लैट की मकान मालकिन, जो मुझे लगता है कि एक नेपाली ही थी, उसने लड़कियों को धमकी दी कि अगर हमने उसकी बात को नहीं माना तो इसका नतीजा बुरा होगा. इसके बाद मुझे हर दिन 6-10 आदमियों के साथ सोना पड़ता था. मेरा जीवन एक बुरे सपने में बदल गया.'
दिल्ली पुलिस और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने मिलकर 18 मार्च को उमा समेत नौ नेपाली लड़कियों को सेक्स वर्क से छुड़ाया है. रेस्क्यू के बाद उमा ने सोमवार को दिल्ली स्थित नेपाली दूतावास में काठमांडू पोस्ट से अपनी आपबीती सुनाई.
साभार आज तक
दिल्ली
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- 23 Mar 2023