खंडवा। निराश्रित बुजुर्गों के लिए संचालित वृद्धाश्रम 2 साल से कर्ज में डूबा है। आश्रम संचालन का खर्च नहीं मिलने से यहां रहने वाले बुजुर्गों को रोजाना खाना और नाश्ता के लिए दानदाताओं का इंतजार रहता है। गनीमत है कि रोजाना कोई न कोई दानदाता आश्रम आकर एक-दो दिन के भोजन और अनाज का इंतजाम कर जाता है। यह हाल इसलिए हे क्योंकि दो साल से इस वृद्धाश्रम के लिए सरकार से बजट नहीं मिला है।
सामाजिक न्याय विभाग के अंतर्गत रामनगर में संचालित श्री दादाजी वृद्धाश्रम के हालात बेहद चिंताजनक हैं। आश्रम के संचालन के लिए हर महीने मिलने वाली 1.25 लाख रुपए की राशि पिछले 2 साल से नहीं मिली है। इसकी शिकायत आश्रम प्रबंधन द्वारा तीन बार की जा चुकी है, लेकिन न संचालन की राशि मिली और न अन्य सरकारी मदद। ऐसे में आश्रम के संचालक व प्रबंधक दानदाताओं की मदद लेने को मजबूर हो गए। प्रबंधन आश्रम के संचालन व वहां रहने वाले बुजुर्गों की परवरिश व बेहतर देखभाल के लिए अब तक 10 लाख रुपए का कर्ज ले चुका है। वर्तमान में स्थिति यह है कि आश्रम के किचन में केवल 2 दिन का ही अनाज बचा है।
1.25 लाख रुपए प्रतिमाह है आश्रम का खर्च
प्रबंधन के अनुसार वृद्धाश्रम में 19 बुजुर्ग रह रहे हैं। आश्रम का खर्च प्रतिमाह 1.25 लाख रुपए है। जिसमें भवन किराया 25 हजार रुपए, किराना 35 हजार रुपए, 8 लोगों के स्टाफ का वेतन 50 हजार रुपए, सब्जी व फल खर्च 15 हजार रुपए है। दो साल पहले तक आश्रम को यह खर्च शासन द्वारा मिलता था, लेकिन अब मिलना बंद हो गया है।
मांगकर लानी पड़ रही सब्जी, किराना उधार
आश्रम प्रबंधक नंदिनी अत्रे ने बताया आश्रम की स्थिति बदतर है। अब तो सब्जी बाजार से मांगकर लाने की नौबत आ गई है। किराना वाले के भी दो महीने का उधार देना बकाया है। हर दिन सुबह सोचना पड़ता है कि आज की चाय, नाश्ता व खाने का प्रबंध कैसे करेंगे।
बुजुर्ग बोले - आश्रम है हमारा सहारा, कलेक्टर से करेंगे निवेदन
आश्रम में रहने वाली जानकी बाई (70) ने बताया मैं गुड़ी के ग्राम भूतनी में थी। परिवार ने त्याग दिया तब मुझे आश्रम के रूप में नया घर मिला। जब से आई हूं यहां किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं हुई। नादलबाई (65) निवासी रामेश्वर नगर ने बताया जब अपनों ने साथ छोड़ा तब आश्रम के लोग हमारा सहारा बने। उन पर आफत आती है तो कलेक्टर से मदद मांगेंगे। सूर्यकांता (55) ने बताया घर में कभी डॉक्टर नहीं आया लेकिन यहां 24 घंटे हमें यह सेवा मिलती है। आश्रम के पास पैसा नहीं है, ऐसी जानकारी मिली है, हमारे पास देने को कुछ नहीं है लेकिन शासन से मदद मांगेंगे। यह बंद हुआ तो कहां जाएंगे।
कर्ज लेकर चला रहे आश्रम, अब दान से ही उम्मीद
दो साल से आश्रम संचालन का खर्च नहीं मिला है। अब तक तो कर्ज लेकर संचालन किया, लेकिन अब मांगकर खिलाने की नौबत आ गई है। कुछ दानदाताओं से भी मिल रहे हैं। कलेक्टर ने अनाज की व्यवस्था कराने का आश्वासन दिया है।-अनिता सिंह, संचालक, श्री दादाजी वृद्धाश्रम, रामनगर
सीएसआर से जल्द वृद्धाश्रम में व्यवस्था करवाएंगे
ऐसी संस्थाओं को समय-समय पर फंड मिलता है। संस्था ने बिल लगाए होंगे, तो फंड भी मिल जाएगा। जहां तक बुजुर्गों को आश्रम से दूसरी जगह शिफ्ट करने की बात है, जल्द ही सीएसआर से व्यवस्था करवाएंगे।
अनय द्विवेदी, कलेक्टर
खंडवा
कर्ज में वृद्धाश्रम, भोजन-नाश्ते के लिए रोज दानदाताओं के भरोसे
- 28 Sep 2021